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मोहर्रम पर जन्नत की चाहत में 11वीं की छात्रा ने की खुदकुशी, मां से पूछा- क्या आज मरने वाले जन्नत जाते हैं, फिर लगा ली फांसी

Muharram: घटना शहर के रावजी बाजार क्षेत्र के चंपा बाग स्थित हाथीपाला की बताई जा रही है। यहां राबिया अपने पूरे परिवार के साथ मोहर्रम पर शुक्रवार देर शाम रोजा खोलने के लिए बैठी थी। मां ने बेटी की पसंद खीर भी बनाई थी। रोजा खोलने से पहले पूछा गया एक सवाल बच्ची की मौत का कारण बना। परिवार इस घटना के बाद सदमे में है।

नई दिल्ली। बीते दिन देशभर में मोहर्रम का त्यौहार मनाया गया। इस बीच इंदौर से 15 साल की बच्ची द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली गई। कहा जा रहा है बच्ची ने आत्महत्या करने से पहले अपनी मां से यह सवाल किया था कि क्या इमाम हुसैन आज ही के दिन से शहीद हुए थे?, इसके आगे बच्ची ने सवाल किया था कि क्या जिन लोगों की आज मौत होती है उन्हें शहादत मिलती है, वह जन्नत में जाते हैं? तो मां ने हां में जवाब दिया था। बच्ची को जैसे ही सवाल का जवाब हां मिला बच्ची ने कुछ देर बाद ही फांसी लगा ली। परिजनों को इस बारे में सूचना लगी तो वह बच्ची को तुरंत ही फंदे से उतारकर अस्पताल ले गए लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया।

घटना शहर के रावजी बाजार क्षेत्र के चंपा बाग स्थित हाथीपाला की बताई जा रही है। यहां राबिया अपने पूरे परिवार के साथ मोहर्रम पर शुक्रवार देर शाम रोजा खोलने के लिए बैठी थी। मां ने बेटी की पसंद खीर भी बनाई थी। रोजा खोलने से पहले पूछा गया एक सवाल बच्ची की मौत का कारण बना। परिवार इस घटना के बाद सदमे में है।

वहीं इस घटना पर परिवार वालों का कहना है कि बीते दिनों ही राबिया का दाखिला 11वीं कक्षा में कराया गया था। एडमिशन के 3800 भी स्कूल में भर दिए गए। दो दिन पहले ही बच्ची को कॉपी-किताब दिलवाई गई थी जिससे वह काफी खुश भी थी लेकिन बच्ची ने ऐसा कदम क्यों उठाया यह परिवार को समझ नहीं आ रहा। बच्ची के परिजनों का यह भी कहना है कि कुछ साल पहले वह स्कूल की ओर से पिकनिक में राऊ सर्कल के पास नखराली धाणी गई थी। जहां पर बच्ची की एक दोस्त के झूले से गिरने के कारण मौत हो गई थी। अपनी दोस्त की मौत के बाद से ही राबिया बहकी-बहकी सी बातें करती थी और हमेशा कहती थी कि जिंदगी और मौत क्या है। हम कभी भी मर सकते हैं। हालांकि परिवार वालों ने उसे कई बार डांट फटकार दिया था लेकिन सहेली की मौत के बाद से ही वह मानसिक रूप से थोड़ी परेशान थी।