नई दिल्ली। हिंदी के नामचीन अखबार ‘दैनिक भास्कर’ के संस्थानों और मालिकानों पर इनकम टैक्स रेड की वजह का खुलासा एजेंसी के सूत्रों ने किया है। सूत्रों के मुताबिक भास्कर ग्रुप से जुड़े लोगों के नाम पनामा पेपर में तो हैं ही, साथ ही कई तरह की आर्थिक गड़बड़ियां करने का आरोप भी उन पर है। इनकम टैक्स विभाग के सूत्रों के अनुसार दैनिक भास्कर के मालिकान ने कई लेन-देन ऐसे किए हैं, जिनमें आर्थिक अपराध का मामला बनता है। साथ ही पैसे को इधर से उधर करने और फिर दोबारा हासिल करने, कंपनी का खर्च दिखाने के लिए फर्जी भुगतान करने। ग्रुप में शेल कंपनियों के रास्ते पैसा लगवाने का आरोप भी इन पर है। जिन शेल यानी फर्जी कंपनियों का निवेश भास्कर ग्रुप में दिखाया गया है, उनके नाम पैराडाइज पेपर्स में भी है।
बता दें कि पैराडाइज पेपर्स यानी टैक्स हेवेन देशों में पंजीकृत शेल कंपनियों का मामला है। आज तड़के पांच बजे से भोपाल, इंदौर, राजस्थान के कई जगह इनकम टैक्स ने भास्कर ग्रुप के संस्थानों में रेड शुरू की थी। दैनिक भास्कर के मालिकों के और भी व्यवसाय हैं। यह परिवार पावर, खनन और रियल एस्टेट से भी जुड़ा हुआ है। खबर ये भी है कि कुछ दिन पहले ही परिवार के सदस्यों से ईडी ने भी पूछताछ की थी।
उधर, इनकम टैक्स ने लखनऊ से चलने वाले न्यूज चैनल भारत समाचार के दफ्तर और इसके एडिटर इन चीफ ब्रजेश मिश्र और स्टेट हेड वीरेंद्र सिंह के घरों पर भी रेड की। इसके अलावा यूपी बीजेपी के कई विधायकों के घर पर भी रेड की खबर है।