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हिंसक झड़प में चीन को हुआ भारी नुकसान, मारे गए सैनिकों में चीनी यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर भी शामिल

सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है इसका आंकलन हिंसक झड़प वाली जगह से निकाले गए चीनी सैनिकों की सख्या और उसके बाद गलवन नदी के किनारे ट्रैक पर एंबुलेंस वाहनों की संख्या पर आधारित है।

नई दिल्ली। भारत और चीन की सेना के बीच LAC पर हुए हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए हैं। जिसके बाद से देश में आक्रोश का माहौल बना हुआ है। हालांकि ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारत की तरफ ही नुकसान हुआ है, चीन को भी इस झड़प में नुकसान उठाना पड़ा है। बता दें कि न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक सोमवार को गलवान घाटी में मारे गए सैनिकों में चीनी यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर भी शामिल हैं।

इसके अलावा आशंका जताई जा रही है कि चीन के 40 से अधिक सैनिक इस हिंसक झड़प में मारे गए हैं। सूत्रों की मानें तो भारतीय सेना ने चीन के 43 सैनिकों को ढेर कर दिया है।

 

समाचार एजेंसी एएनआइ ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है इसका आंकलन हिंसक झड़प वाली जगह से निकाले गए चीनी सैनिकों की सख्या और उसके बाद गलवन नदी के किनारे ट्रैक पर एंबुलेंस वाहनों की संख्या पर आधारित है। इसके साथ ही उस इलाके में चीनी हेलिकॉप्टरों की आवाजाही भी तेज हुई।

हिंसक झड़प से बने माहौल के बाद बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेवा प्रमुखों (सेना, नौसेना और वायु सेना) और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के साथ बैठक की। उन्होंने मौजूदा स्थिति पर भी विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी बात की।

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वहीं भारत और चीन की सेनाओं के बीच जारी तनाव पर अमेरिका ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिका ने कहा है कि वह लद्दाख सीमा पर जारी इस तनाव की स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है। समाचार एजेंसी एएनआइ से बात करते हुए अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा है कि हम वास्तविक नियंत्रण रेखा(एलएसी) के पास भारत और चीन की सेनाओं के बीच तनाव की स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। भारतीय सेना ने कल एक बयान जारी कर बताया था कि गलवन घाटी के पास 20 जवानों शहीद हुए हैं, हम उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं।