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नेपाल की संसद में विवादित नक्शा पास, भारत ने जताया कड़ा ऐतराज

भारतीय विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, हमने गौर किया है कि नेपाल की प्रतिनिधिसभा ने भारतीय क्षेत्र को शामिल करने के लिए नेपाल के नक्शे को बदलने के लिए एक संविधान संशोधन विधेयक पारित किया है। हमने इस मामले पर अपनी स्थिति पहले ही स्पष्ट कर दी है।

नई दिल्ली/काठमांडू। नेपाल की प्रतिनिधिसभा ने देश के अपडेटेड राजनीतिक प्रशासनिक नक्शे से संबंधित एक विधेयक को शनिवार को पारित कर दिया, जिसमें भारतीय भूमि के हिस्से शामिल हैं। भारत ने नेपाल सरकार की तरफ से लाये गये इस प्रस्ताव के पारित पर होने पर अपना कड़ा ऐतराज जताया है। भारत ने फिर दोहराया है कि लिपुलेख, कालापानी व लिपिंयाधुरा पर नेपाल के दावे के पीछे कोई साक्ष्य नहीं है।

KP Sharma oli and Narendra Modi

नेपाल की ओर से संशोधिन नक्शे में भारत की सीमा से लगे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा इलाकों पर अपना दावा किया गया है। भारतीय नक्शे में ये सभी हिस्से उत्तराखंड में पड़ते हैं। नेपाल के कानून मंत्री शिवमया तुंबाहम्फे ने यह विधेयक पेश किया था, जिसके जरिए राष्ट्रीय प्रतीक में भी नक्शे को अपडेट किया गया है।

Nepal Parliament
विधेयक के पारित होने के बाद, नेपाल के विदेश मंत्री ने अपडेट किए गए मानचित्र के साथ राष्ट्रीय प्रतीक को ट्वीट किया, जिसमें नेपाल के तहत उत्तराखंड के कुछ हिस्सों को दिखाया गया है।

नेपाल की ओर से संशोधिन नक्शे में भारत की सीमा से लगे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा इलाकों पर अपना दावा किया गया है। भारतीय नक्शे में ये सभी हिस्से उत्तराखंड में पड़ते हैं। नेपाल के कानून मंत्री शिवमया तुंबाहम्फे ने यह विधेयक पेश किया था, जिसके जरिए राष्ट्रीय प्रतीक में भी नक्शे को अपडेट किया गया है।

Nepal Map

विधेयक के पारित होने के बाद, नेपाल के विदेश मंत्री ने अपडेट किए गए मानचित्र के साथ राष्ट्रीय प्रतीक को ट्वीट किया, जिसमें नेपाल के तहत उत्तराखंड के कुछ हिस्सों को दिखाया गया है। नेपाल की प्रतिनिधिसभा द्वारा संविधान संशोधन के मुद्दे पर मीडिया के सवालों के जवाब में भारतीय विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, हमने गौर किया है कि नेपाल की प्रतिनिधिसभा ने भारतीय क्षेत्र को शामिल करने के लिए नेपाल के नक्शे को बदलने के लिए एक संविधान संशोधन विधेयक पारित किया है। हमने इस मामले पर अपनी स्थिति पहले ही स्पष्ट कर दी है।

प्रवक्ता ने कहा, दावों का यह कृत्रिम इजाफा ऐतिहासिक तथ्य या सबूतों पर आधारित नहीं है और न ही इसका कोई मतलब है। यह लंबित सीमा मुद्दों पर बातचीत करने के लिए हमारी मौजूदा समझ का भी उल्लंघन है।