newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

28 महीने बाद भारत-पाकिस्तान ने एक दूसरे के राजनयिकों को जारी किए वीजा, जानिए इसके पीछे की वजह

India Pakistan: अप्रैल में वाशिंगटन में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के राजदूत यूसुफ अल ओतैबा ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के हूवर इंस्टीट्यूशन के साथ हुई एक वर्चुअल चर्चा में तनाव कम करने को लेकर कहा था कि UAE ने कश्मीर में तनाव घटाने और संघर्ष विराम में भूमिका निभाई थी।

नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के संबंधों में बनी खटास के बाद अब उसे मधुर की बनाने की कवायद शुरू हो गई है। बता दें कि दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य बनाने को लेकर एक नई कोशिश देखी गई है। दरअसल भारत और पाकिस्तान ने करीब 28 महीनों के बाद एक-दूसरे देशों के राजनयिकों को असाइनमेंट वीजा इशू किया है। इस संबंध में पाकिस्तान के एक अंग्रेजी अखबार का कहना है कि, बीते हफ्तों में भारत और पाकिस्तान ने एक दूसरे के राजनयिकों को 15 मार्च, 2021 तक दाखिल किए गए सभी आवेदनों पर वीजा जारी कर दिए हैं। कुल सात पाकिस्तानी राजनयिकों को इस तरह से भारतीय वीजा जारी किया गया है। वहीं 33 भारतीय अधिकारियों को पाकिस्तान की तरफ से भी वीजा जारी किया गया है। बता दें कि दोनों देश एक दूसरे के राजनयिकों को और असाइनमेंट वीजा जारी कर सकते हैं। इसके अलावा दोनों देश अन्य देशों के राजनयिकों और दूतावास कर्मियों के लिए असाइनमेंट वीजा जारी करते हैं।

दरअसल दोनों देशों के बीच इस साल जनवरी में एक गोपनीय वार्ता हुई थी जोकि दुबई में हुई थी। इस तरह से बैक चैनल कूटनीति की शुरुआत की थी। इस वार्ता का उद्देश्य अगले कुछ महीनों में भारत-पाक के बीच कटु संबंधों को सामान्य बनाना था। वहीं दोनों देशों की सेनाओं ने फरवरी, 2021 में अप्रत्याशित तरीके से संयुक्त संघर्ष विराम की घोषणा की थी।  वहीं मार्च में पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने भारत से अतीत को दफन करने और सहयोग की दिशा में आगे बढ़ने का आह्वान किया था। ऐसे में माना जा रहा है कि दोनों देश आपसी संबंधों को मधुर बनाने के रास्ते पर हैं।

LOC

अप्रैल में वाशिंगटन में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के राजदूत यूसुफ अल ओतैबा ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के हूवर इंस्टीट्यूशन के साथ हुई एक वर्चुअल चर्चा में तनाव कम करने को लेकर कहा था कि UAE ने कश्मीर में तनाव घटाने और संघर्ष विराम में भूमिका निभाई थी। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंध फिर से बहाल होंगे और फिर हालात समान्य बनेंगे। उनका कहना था कि भारत-पाकिस्तान भले ही अच्छे दोस्त न बनें, लेकिन हम चाहते हैं कि दोनों देश कम से कम एक दूसरे से बातचीत का रास्ता खुला रखें। बता दें कि 2019 में पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के संबंधों में जबर्दस्त खटास आ गई थी।