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चीन के बाद अब नेपाल को दिया भारत ने झटका, संकट में वहां के रिफाइनरी कारोबारी, आयात रोकने से बढ़ी मुश्किलें!

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पहले नेपाल हर महीने 21 हजार टन तक का कच्चा माल मंगाता था, जो अब 7000 टन पर आ गया है। दरअसल, भारत नेपाल से करीब दो तिहाई तक रिफाइंड पाम ऑयल लेता है।

नई दिल्ली। भारत द्वारा रिफाइंड पाम ऑयल के आयात पर रोक लगाने से नेपाल का बिजनेस पूरी तरह से ठप हो चुका है। नेपाल की कई रिफाइनरी कंपनी ऐसी हैं जिनसे भारत ने माल खरीदना ही बंद कर दिया है। इसके चलते उन कंपनियों ने अब कच्चा माल लेना भी बंद कर दिया। बता दें कि भारत सरकार ने बीते दिनों 39 ऑयल इम्पोर्ट लाइसेंस को रद्द कर दिया था।

palm oil

इम्पोर्ट लाइसेंस को रद्द करने का कारण पड़ोसी देशों से आने वाला ड्यूटी फ्री शिपमेंट पूरी तरह से रुक गया। इसका असर नेपाल पर सबसे अधिक पड़ा, क्योंकि वहां की रिफाइनरी मार्केट पूरी तरह से भारतीय ग्राहकों पर निर्भर रही है। नेपाल की पशुपति ऑयल इंडस्ट्री के अमित सारदा के मुताबिक, अब रिफाइनर यहां क्रूड पाम ऑयल नहीं मंगवा रहे हैं, क्योंकि खपत नहीं है। बस जितना ऑर्डर पहले दिया है, उसे ही रिसीव कर रहे हैं। नेपाल में ये स्टॉक अब 70 हजार टन तक पहुंच गया है, अगर इसे खत्म करना है तो लोकल डिमांड ही बढ़ानी होगी। इसी वजह से अब नेपाल ने क्रूड पाम ऑयल मंगाना कम कर दिया है, जिसकी गवाही आंकड़े दे रहे हैं।

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सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पहले नेपाल हर महीने 21 हजार टन तक का कच्चा माल मंगाता था, जो अब 7000 टन पर आ गया है। दरअसल, भारत नेपाल से करीब दो तिहाई तक रिफाइंड पाम ऑयल लेता है। एक तो इम्पोर्ट पर लगी रोक और दूसरा नेपाल के साथ जारी तीखे संबंधों के कारण नेपाल को बड़ा नुकसान हुआ है।

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भारत बड़ी मात्रा में नेपाल से ये ऑयल लेता था, इसलिए नेपाल की इंडस्ट्री ने इस ओर काफी इन्वेस्ट किया था। इसमें 30 बिलियन नेपाली रुपये इन्वेस्ट किए गए, भारत ने करीब 45 हजार टन 2018-19 में और 189078 टन 2019-20 में इम्पोर्ट किया था।