लखनऊ। समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी AAP के बीच यूपी विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे की खिचड़ी पकती नजर आ रही है। इसकी अटकलें बुधवार को उस वक्त शुरू हुईं, जब आप के सांसद संजय सिंह ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से लखनऊ में मुलाकात की। इससे पहले आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी के साथ अखिलेश की सीट बंटवारे की बात सामने आई थी। आरएलडी को करीब 36 से 40 सीटें सपा दे सकती है। लखनऊ में लोहिया ट्रस्ट के दफ्तर में अखिलेश और संजय सिंह के बीच करीब एक घंटे तक बातचीत हुई। आम आदमी पार्टी के यूपी प्रभारी संजय सिंह सोमवार को सपा के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन समारोह में भी शामिल हुए थे। वहां भी अखिलेश यादव से उनकी मुलाकात हुई थी। आज दोनों के बीच तीसरी बार मुलाकात हुई है। पहले आम आदमी पार्टी ने कहा था कि यूपी की सभी सीटों पर वो अकेले ही लड़ेगी, लेकिन अब सपा से उसकी गलबहियां बढ़ रही हैं।
आरएलडी से गठबंधन से पहले अखिलेश ने केशवदेव मौर्य के महान दल, डा.संजय सिंह चौहान की जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट), शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से गठबंधन किया। ओमप्रकाश राजभर 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ थे। ओमप्रकाश राजभर गाजीपुर के हैं और आसपास के जिलों में राजभर जाति का अच्छा वोट बैंक है। जहां तक रालोद का सवाल है तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कुछ सीटों पर उसका प्रभाव है।
सपा और आरएलडी के बीच पहला गठबंधन लोकसभा चुनाव के दौरान 2019 में हुआ था। इस चुनाव में मुख्य गठबंधन सपा और बीएसपी के बीच हुआ था, लेकिन अखिलेश ने अपने कोटे की तीन सीटें बागपत, मुजफ्फरनगर और मथुरा आरएलडी को दी थी। बाद में बीएसपी से सपा का साथ छूट गया और जयंत चौधरी और अखिलेश साथ रहे।