नई दिल्ली। इंडियन रेलवे के लिए आज का दिन बड़ा ऐतिहासिक रहा है। दरअसल, स्वदेश निर्मित ट्रेन टक्कर सुरक्षा प्रणाली कवच (Kavach Technique) का परीक्षण कर भारतीय रेलवे ने एक नया इतिहास रच दिया है। शुक्रवार को सिकंद्राबाद में इस तकनीक का सफल परीक्षण किया गया। इस दौरान खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन समेत विभाग के दूसरे अधिकारी भी ट्रेन के इंजन पर सवार थे। इसका वीडियो भी अश्विनी वैष्णव ने अपने ट्विटर हैंडल पर साझा किया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि परीक्षण के दौरान जिस ट्रेन में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव सवार थे, वह सामने से आ रही गाड़ी से 380 मीटर पहले ही रुक गई। दरअसल कवच तकनीक के चलते ऐसा हुआ और ट्रेन में अपने आप ही ब्रेक लग गए। खास बात ये है कि यह तकनीक ट्रेनों के आमने-सामने आने की स्थिति में उनकी टक्कर को रोकने का काम करेगी।
Rear-end collision testing is successful.
Kavach automatically stopped the Loco before 380m of other Loco at the front.#BharatKaKavach pic.twitter.com/GNL7DJZL9F— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) March 4, 2022
वीडियो में देखा जा सकता है कि परीक्षण के दौरान जिस ट्रेन में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव सवार थे, वह सामने से आ रही गाड़ी से 380 मीटर पहले ही रुक गई। दरअसल कवच तकनीक के चलते ऐसा हुआ और ट्रेन में अपने आप ही ब्रेक लग गए। खास बात ये है कि यह तकनीक ट्रेनों के आमने-सामने आने की स्थिति में उनकी टक्कर को रोकने का काम करेगी। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार जब डिजिटल सिस्टम को रेड सिग्नल या फिर किसी अन्य खराबी जैसी कोई मैन्युअल गलती दिखाई देती है, तो इस तकनीक के माध्यम से संबंधित मार्ग से गुजरने वाली ट्रेन अपने आप रुक जाती है। इस तकनीक को लागू करने के बाद इसके संचालन में 50 लाख रुपये प्रति किलोमीटर का खर्च आएगा। यह दूसरे देशों की तुलना में बहुत कम है। दुनिया भर में ऐसी तकनीक पर करीब दो करोड़ रुपये खर्च आता है।
भारत में बना – भारत का कवच।#BharatKaKavach pic.twitter.com/gGQRfFKNCM
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) March 4, 2022
रेलवे के मुताबिक सिस्टम तीन स्थितियों में अच्छी तरह से काम करता है.इस तकनीक में जब ऐसे सिग्नल से ट्रेन गुजरती है, जहां से गुजरने की अनुमति नहीं होती है तो इसके जरिए खतरे वाला सिग्नल भेजा जाता है. लोको पायलट अगर ट्रेन को रोकने में विफल साबित होता है तो फिर ‘कवच’ तकनीक के जरिए से अपने आप ट्रेन के ब्रेक लग जाते हैं और हादसे से ट्रेन बच जाती है. कवच तकनीक हाई फ्रीक्वेंसी रेडियो कम्युनिकेशन पर काम करती है।