newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Russia-Ukraine Crisis: कीव में फंसे भारतीय छात्रों ने लगाई सरकार से मदद की गुहार, बताया-खाने पीने का सामान भी हो गया खत्म

Russia-Ukraine Crisis: एंबेसी से मदद की गुहार लगाते हुए कहा कि हमें खतरनाक इलाकों से निकालकर सुरक्षित बॉर्डर तक पहुंचा दिया जाए, ताकि हम वापस भारत पहुंच सकें।

नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच लगातार यूक्रेन के हालात चिंताजनक बने हुए हैं। यूक्रेन के नागरिक अपनी जान बचाने के लिए बंकरों का सहारा ले रहे हैं। वहीं कुछ लोग देश को बचाने के लिए खुद युद्ध के मैदान में उतर चुके हैं। यूक्रेन में कई भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। लगातार छात्रों को बचाने का काम किया जा रहा है। हालांकि अभी भी भारतीय छात्र लगातार सरकार से मदद की अपील कर रहे हैं। अब बंकर में फंसे कुछ भारतीय छात्र पीएम मोदी से जल्द से जल्द उन्हें बाहर निकालने के लिए मदद मांग रहे हैं।

भारत सरकार से की मदद की अपील

कीव में फंसे कुछ छात्रों ने सरकार से अपील की है कि वो उन्हें जल्द से जल्द एंबेसी की मदद से बॉर्डर तक सुरक्षित पहुंचा दें। जिससे वो वापस वतन वापसी कर सकें। बिहार के मोतिहारी की रहने वाली मेडिकल छात्रा वैष्णवी सिंह जो इस वक्त कीव में फंसी हैं ने एक मीडिया चैनल को फोन पर जानकारी देते हुए बताया कि कैसे वो कीव में डर के माहौल में जी रही हैं। उन्होंने बताया कि उनके साथ कई भारतीय छात्र बंकर में रहने को मजबूर हैं। छात्रों का कहना है कि एयर इंडिया की फ्लाइट लेने के लिए पहले उन्हें बॉर्डर पार करना होगा और बाहर ऐसे हालात नहीं है कि सुरक्षित बॉर्डर तक पहुंच सके। उन्होंने सरकार से गुहार लगाते हुए ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था करने को कहा है।

खाने का सामान भी हो गया है खत्म

वैष्णवी सिंह ने बताया कि भारत सरकार ने कहा है कि विंड शील्ड पर भारत का झंडा लगाकर ट्रेवल कर सकते हैं लेकिन भयंकर हालातों को देखकर हमारी हिम्मत ही नहीं हो पा रही है बाहर जाने की।उन्होंने एंबेसी से मदद की गुहार लगाते हुए कहा कि हमें खतरनाक इलाकों से निकालकर सुरक्षित बॉर्डर तक पहुंचा दिया जाए, ताकि हम वापस भारत पहुंच सकें। वहां की परिस्थितियों पर बात करते हुए वैष्णवी ने बताया कि उनके पास कैश तो है लेकिन वो किसी भी परिस्थिति में बाहर नहीं निकल सकते। जब तक सायरन बज रहा हो। बिस्किट, चॉकलेट जैसा जो भी सामान मौजूद था वो भी खत्म हो गया है।