नई दिल्ली। ‘इंदिरा गांधी ने जरनैल सिंह भिंडरावाले को फ्रैंकेस्टीन (यूरोपीय लोककथाओं का दानव) बनने दिया। फिर भिंडरावाले का कद जब बहुत ऊंचा हो गया, तो उसे खत्म करने के आदेश दिए।’ ये दावा अमृतसर के स्वर्णमंदिर में छिपे आतंकियों को निकालने के लिए हुए ऑपरेशन ब्लूस्टार को अंजाम देने वाले रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल कुलदीप सिंह बरार ने किया है। जनरल बरार ने न्यूज चैनल एएनआई की संपादक स्मिता प्रकाश से एक्सक्लूसिव बातचीत में ये दावा किया। जनरल बरार ने अपने इंटरव्यू में बताया कि किस तरह उस वक्त पंजाब और अमृतसर के हाल थे। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन ब्लूस्टार के दौरान पुलिस के भी बगावत का अंदेशा था। ऐसे में सभी पुलिसकर्मियों से उनके हथियार सेना ने ले लिए थे। उन्होंने उन सभी बातों को गलत बताया और कहा कि स्वर्ण मंदिर या अकाल तख्त पर कोई गोला या गोली नहीं दागी गई थी।
जनरल कुलदीप सिंह बरार ने भिंडरावाले के साथी और सेना में मेजर जनरल के पद से बर्खास्त हुए शाहबेग सिंह के बारे में भी इंटरव्यू में बताया। उन्होंने बताया कि जब वो ऑपरेशन ब्लूस्टार करने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के बाहर पहुंचे, तो शाहबेग सिंह ने उन्हें देख लिया। शाहबेग सिंह पहले जनरल कुलदीप सिंह बरार का सीनियर हुआ करता था। शाहबेग ने इस पर खालिस्तानी आतंकियों से कहा कि अब जनरल बरार आ गया है और हम लोगों के लिए टकराना आसान नहीं रहने वाला है। सुनिए जनरल बरार का पूरा इंटरव्यू।
जनरल बरार पर 10 साल पहले लंदन में हमला भी हुआ था। उनके गले में चाकू मारा गया था। उस हमले के बारे में भी उन्होंने बताया। जनरल कुलदीप सिंह बरार ने कहा कि खालिस्तानी आज भी मौका मिलने पर उनकी जान ले सकते हैं। यहां तक कि ऑपरेशन ब्लूस्टार के बाद उनके मामा भी उनकी और परिवार के हर सदस्य की जान लेना चाहते थे। जनरल बरार ने बांग्लादेश को आजाद कराने के जंग में भी हिस्सा लिया था। उन्होंने उस वक्त की भी खास बातें अपने इंटरव्यू में कहीं।