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Inflation: क्या कमरतोड़ महंगाई के लिए BJP है ‘गुनाहगार’? RBI गवर्नर ने दिए सभी सवालों के जवाब, बताई सच्चाई

Inflation: इसके साथ ही उन सभी विपक्षी दलों को करारा जवाब देते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि हम कई देशों से बेहतर हैं। जो लोग हमें दूसरे देशों के विकास और अर्थव्यवस्था के विकास का हवाला देते हैं, वो पहले ये जान लें कि आज यूरोपीय यूनियन मंदी की कगार पर खड़ा है।

नई दिल्ली। कभी महंगाई तो कभी बेरोजगारी तो कभी ढलती जीडीपी तो कभी कानून व्यवस्था को लेकर मोदी सरकार को आड़े हाथों लेने में मशगूल रहने वाली विपक्षी दलों की बोलती इस बार मोदी सरकार के किसी मंत्री ने नहीं, बल्कि आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कर दी। उन्होंने परोक्ष रूप से ही सही लेकिन मोदी सरकार द्वार किए जा रहे कार्यों को देशहित में बताया। उन्होंने अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर मोदी सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों का उल्लेख किया। इसी बीच दास ने अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर संभावित चुनौतियों का भी उल्लेख किया। आइए, आपको बताते हैं कि आखिर शक्तिकांत दास ने क्या कुछ कहा?

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तो वो सभी लोग जो मोदी सरकार के विरोध में माहौल बनाने के लिए अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर किसी मुद्दे की ताक में बैठे हैं। ऐसे सभी लोगों को शक्तिकांत दास ने झटका देते हुए कहा कि इस बार देश की महंगाई दर सात फीसद से कम होने जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा वक्त में बेशुमार दुश्वारियां हैं, जिनसे निपटने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। दास ने कहा कि इस बार देश का आर्थिक विकास दर भी सात फीसद से ऊपर होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेक्टर की भी हालत बेहतर रहेगी। इसके अलावा दास ने विकास दर को लेकर भी शुभ संकेत दिए। उन्होंने कहा कि इस बार विकास दर सात फीसद से अधिक होने जा रहा है। वहीं शक्तिकांत दास ने आईएमएफ का हवाला देते हुए कहा कि विकास दर 6 फीसद के आंकड़े को भी पार कर सकता है। इस बीच दास ने कोरोना काल के दौरान की चुनौतियों का जिक्र कर कहा कि आर्थिक मोर्चे पर देश को कोरोना से तगड़ा झटका लगा है।

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इसके साथ ही उन सभी विपक्षी दलों को करारा जवाब देते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि हम कई देशों से बेहतर हैं। जो लोग हमें दूसरे देशों के विकास और अर्थव्यवस्था के विकास का हवाला देते हैं, वो पहले ये जान लें कि आज यूरोपीय यूनियन मंदी की कगार पर खड़ा है। अमेरिका भी अस्थिर हालत में है। इन सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अगर भारत की बात करें तो आज हम कई मायनों में बेहतर हैं। हालांकि, वर्तमान में जो दुश्वारियां हैं, उसे कम करने की दिशा में काम किया जा रहा है। अब ऐसी स्थिति में अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर सरकार क्या कुछ कदम उठाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। बहरहाल, बतौर पाठक शक्तिकांत दास की तकरीरों पर आपका क्या कुछ कहना है। आप हमें कमेंट कर बताना बिल्कुल भी मत भूलिएगा। तब तक के लिए आप देश-दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम