
मुंबई। इस साल मुंबई के बीएमसी समेत महाराष्ट्र में निकाय चुनाव होने हैं। इससे ठीक पहले उद्धव ठाकरे के एक बयान की चर्चा हो रही है। उद्धव ठाकरे के बयान से अटकलें लग रही हैं कि महाराष्ट्र के निकाय चुनाव न जीतने की चिंता उनको सता रही है। दरअसल, शिवसेना-यूबीटी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने विपक्ष के इंडी गठबंधन के बारे में बयान दिया है। आपको बताते हैं कि उद्धव ठाकरे का बयान क्या है?
उद्धव ठाकरे ने कहा है कि महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव से पहले इंडी गठबंधन की बैठक जरूरी है। उन्होंने इंडी गठबंधन की बैठक को महाराष्ट्र में विपक्ष की महाविकास अघाड़ी की बैठक से भी जरूरी बताया है। उद्धव ठाकरे ने कहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद इंडी गठबंधन की बैठक नहीं हुई है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि वो चाहते हैं कि जल्द से जल्द इंडी गठबंधन की बैठक हो। शिवसेना-यूबीटी प्रमुख ने ये भी कहा कि बिहार और अन्य राज्यों में चुनाव होने हैं। महाराष्ट्र में भी निकाय चुनाव है। उद्धव ठाकरे के इसी बयान से लग रहा है कि महाराष्ट्र निकाय चुनाव में इंडी गठबंधन का सहयोग उनको चाहिए। ऐसा न होने पर पराजय की आशंका उनको कहीं न कहीं सता रही है।
मराठी और हिंदी के मुद्दे पर उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे बीते दिनों एक मंच पर आए थे, लेकिन अभी दोनों दलों में गठबंधन फाइनल नहीं हुआ है। उद्धव और राज ठाकरे की पार्टियों के नेता गठबंधन पर अभी चुप्पी साधे हैं। वहीं, महाविकास अघाड़ी के नेताओं ने भी राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के किसी गठबंधन का समर्थन करने या न करने पर कोई बयान नहीं दिया है। माना जा रहा है कि इंडी गठबंधन की बैठक बुलाकर उद्धव ठाकरे ये टटोलना चाहते हैं कि अगर वो राज ठाकरे से गठबंधन करें, तो कांग्रेस व एनसीपी समेत विपक्ष के बाकी दलों की प्रतिक्रिया क्या रहेगी? बता दें कि लोकसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे की पार्टी, कांग्रेस और एनसीपी की महाविकास अघाडी ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए 48 में से 30 सीट जीती थीं, लेकिन महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उसकी दुर्गति हुई थी। सिर्फ उद्धव ठाकरे की शिवसेना-यूबीटी ही 20 सीट लेकर महाविकास अघाड़ी में सबसे आगे रही।