श्रीहरिकोटा। भारत के पहले जियो-इमेजिंग सैटेलाइट (जीआईएसएटी-1) ईओएस-03 का बहुप्रतीक्षित प्रक्षेपण गुरुवार को विफल हो गया। भारतीय रॉकेट जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी-एफ10) को सुबह 5.43 बजे लॉन्च होने के लगभग सात मिनट बाद अपने क्रायोजेनिक इंजन-तीसरे और आखिरी इंजन में समस्या का सामना करना पड़ा।
रॉकेट श्रीहरिकोटा के स्पेसपोर्ट में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के ग्राउंड सेंटर को विवरण नहीं भेज सका। मिशन की विफलता की घोषणा करते हुए इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने कहा, “क्रायोजेनिक चरण में तकनीकी विसंगति देखी गई और मिशन पूरा नहीं किया जा सका।”
#WATCH | Indian Space Research Organisation’s GSLV-F10 lifts off successfully from Satish Dhawan Space Centre, Sriharikota (Source: DD) pic.twitter.com/2OV8iA06Xf
— ANI (@ANI) August 12, 2021
इससे पहले इसरो ने इसी साल 28 फरवरी 18 छोटे उपग्रहों को लांच किया था। इन 18 छोटे उपग्रहों में देसी और विदेशी उपग्रह शामिल थे। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो इस रॉकेट में पहली बार 4 मीटर व्यास वाले ऑगिव-शेप्ड पेलोड फेयरिंग (हीट शील्ड) का प्रयोग किया गया है। इसके अलावा 6-बैंड मल्टीस्पेक्ट्रल दृश्य के साथ ही नियर-इंफ्रा-रेड के 42-मीटर रिज़ॉल्यूशन के पेलोड इमेजिंग सेंसर भी उपग्रह में शामिल होंगे।