नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर की मार देश के कई राज्यों में देखने को मिली। कई राज्यों में जहां सुधार देखने को मिल रहा है तो वहीं कुछ राज्यों में अभी भी खतरा बना हुआ है। हालांकि कोरोना के मामलों में बढ़ोत्तरी देखते हुए कुछ राज्यों में सेना ने मोर्चा संभाला और स्वास्थ्य सेवाओं को तत्परता के साथ लोगों को मुहैया कराना शुरू कर दिया। वहीं सेना ने कश्मीर में भी अपनी उपस्थिति से हालात को सामान्य करने की कवायद तेज कर दी है। बता दें कि ऐसी स्थिति में स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर सेना ने उत्तरी कश्मीर के सीमावर्ती इलाके-बारामुला और उरी में लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाना शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि बारामुल्ला और उरी में सेना ने कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए दो अलग-अलग कोविड सेंटर खोले हैं, जहां पर एक साथ 20 मरीजों का उपचार किया जा सकेगा।
इसके अलावा ऑक्सीजन के लिए भी लोगों को मारामारी ना करनी पड़े इसके लिए सेना ने यह फैसला लिया है और आगे की जरूरत के अनुसार स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर जरूरत के अनुसार और भी मदद की जाएगी। इसकी जानकारी सेना की मेडिकल कोर के बारामुल्ला के कर्नल वरुण वर्गीस ने दी। विकट परिस्थितियों से निपटने के लिए 5 क्रिटिकल केयर बेड, 15 ऑक्सीजन बेड के साथ-साथ जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त बेड लगाने का भी प्रावधान रखा गया है।
बारामुला के चीफ मेडिकल अफसर डॉ बशीर अहमद का मानना है कि, नए कोविड सेंटर बन जाने से ऐसे मरीजों के उपचार में मदद मिलेगी, जिन्हें लौ फ्लो ऑक्सीजन की जरूरत होगी। सेना की तरफ से इस दिशा में उठाए गए कदम से मुश्किलों का सामना कर रहे स्वास्थ सवाओं को थोड़ी रहत मिलेगी।
बता दें कि कश्मीर के दुर्गम इलाकों में लोगों को कोरोना वायरस के खतरे से जागरूक करने के लिए सेना ने “खैरियत पैट्रॉल” का भी आयोजन करना शुरू किया है। इसके जरिए सेना के जवान आतंक विरोधी ऑपरेशन की तरह ही पैदल गांव-गांव में लोगों के बीच जाकर इस महामारी के बारे में जानकारी दे रहे हैं। इसके साथ-साथ ही लोगों को मास्क, सेनिटाइजर, PPE किट और अन्य सामान भी बांटें जा रहे हैं।