नई दिल्ली। साल 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी ने पहली बार केंद्र में सत्ता संभालने पर गरीबों को आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए अपना महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट यानी जनधन योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत लोगों के बैंक खाते खुलवाने का महत्वपूर्ण काम शुरू किया गया था। इससे पहले बहुत कम गरीबों के बैंक खाते हुआ करते थे। जनधन योजना के तहत तमाम सुविधाएं गरीबों को दी गईं। इससे गरीबों ने बैंक खाते खुलवाने में जबरदस्त उत्साह दिखाया। नतीजा ये हुआ कि बैंकों में जनधन खाते खुलवाने के लिए लोगों की कतारें लगीं। लोगों को लगा कि जनधन बैंक खाता योजना से वे भी बचत कर अपना भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं।
ऐसे में पीएम मोदी की जनधन योजना हिट हो गई। जनधन योजना कितनी सफल रही है, ये इसी से पता चलता है कि बीते 9 साल में जनधन योजना के तहत बैंकों में 50 करोड़ से ज्यादा खाते खुल चुके हैं। वित्त मंत्रालय के अनुसार जनधन योजना के तहत खुल 50 करोड़ से ज्यादा खातों में से 56 फीसदी महिलाओं के हैं। वहीं, कुल जनधन योजना खातों में से 67 फीसदी ग्रामीण और अर्ध ग्रामीण इलाकों के बैंकों में खुले हैं। वित्त मंत्रालय ने बताया है कि 28 अगस्त 2014 को शुरू हुई जनधन योजना के 50 करोड़ से ज्यादा खातों में से 34 करोड़ को मुफ्त में रुपे डेबिट कार्ड भी जारी हुआ है। वित्त मंत्रालय के अनुसार जनधन खातों में कुल 2.03 लाख करोड़ रुपए जमा हैं। यानी गरीब अब पैसों की बचत भी कर पा रहा है। औसत की बात करें, तो हर जनधन खाते में 4076 रुपए जमा हैं। जो जनधन बैंक खाते खुले हैं, उनमें से 5.5 करोड़ के धारक डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) से सरकारी योजनाओं का फायदा भी ले रहे हैं।
जनधन योजना का ये असर पड़ा है कि देश में हर बालिग व्यक्ति के पास अपना बैंक खाता है। जनधन योजना के तहत बैंक खाता खुलवाने वालों को कई फायदे भी मिलते हैं। जनधन बैंक खातों में मिनिमम बैलेंस के तौर पर कोई धनराशि नहीं रखनी होती। यानी इन खातों में जीरो बैलेंस भी रखा जा सकता है और इस पर बैंक कोई पेनाल्टी नहीं लेते। इसी तरह जनधन योजना के बैंक खाताधारकों को मुफ्त में रुपे डेबिट कार्ड दिया जाता है। इन कार्ड के लिए कोई एनुअल फीस नहीं ली जाती। जनधन खाताधारकों को 2 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा भी मिलता है। साथ ही अगर वे चाहें, तो जरूरत के वक्त 1000 रुपए का ओवरड्राफ्ट भी ले सकते हैं।