मुंबई। बृहन्नमुंबई म्युनिसिपल काउंसिल यानी BMC चुनाव से पहले शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट को बड़ा झटका लगा है। उद्धव गुट के दिग्गज सांसद 79 साल के गजानन कीर्तिकर शुक्रवार को सीएम एकनाथ शिंदे के कैंप में शामिल हो गए। एकनाथ शिंदे ने अपने ट्विटर हैंडल पर गजानन कीर्तिकर के साथ फोटो शेयर की है। वो कीर्तिकर को गुलदस्ता दे रहे हैं। गजानन शिंदे मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट से शिवसेना के टिकट पर सांसद चुने गए थे। गजानन कीर्तिकर से पहले 12 शिवसेना सांसद शिंदे कैंप में शामिल हुए थे। एकनाथ शिंदे ने इस साल जून में उद्धव से बगावत कर 39 विधायक अपने साथ ले लिए थे। जिसके बाद बीजेपी के समर्थन से उन्होंने महाराष्ट्र की सत्ता हथिया ली थी। उद्धव ठाकरे इससे पहले कांग्रेस और एनसीपी की मदद से सीएम थे।
शिंदे कैंप के सूत्रों के मुताबिक गजानन कीर्तिकर को साथ लाने के लिए काफी अर्से से बातचीत चल रही थी, लेकिन वो उद्धव का साथ छोड़ने पर उहापोह में थे। बाद में उन्होंने हामी भरी और शुक्रवार को सीएम शिंदे के सरकारी आवास वर्षा पहुंचे और साथ देने का वादा किया। इसके बाद सभी रवींद्र नाट्य मंदिर गए। जहां एक कार्यक्रम में गजानन ने उद्धव गुट को अलविदा कहते हुए एकनाथ कैंप में शामिल होने का एलान किया। सितंबर में भी खबर आई थी कि एकनाथ और गजानन के बीच गुप्त मुलाकात हुई है। हालांकि, शिंदे का कहना था कि कीर्तिकर बीमार हैं और वो उनका हालचाल पूछने गए थे। शिंदे कैंप को शिवसेना (बालासाहेब ठाकरे) के नाम से पहचाना जाता है। एकनाथ शिंदे ने गजानन कीर्तिकर के साथ आने पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि हमने गजानन को शुभकामनाएं दी।
मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा मतदारसंघाचे लोकप्रिय खासदार गजानन कीर्तिकर यांनी आज #बाळासाहेबांची_शिवसेना पक्षात जाहीर प्रवेश केला. याप्रसंगी त्यांचे मनापासून स्वागत केले तसेच भावी सामाजिक आणि राजकीय वाटचालीकरिता त्यांना शुभेच्छा दिल्या.@GajananKirtikar pic.twitter.com/vCnAK003Wt
— Eknath Shinde – एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) November 11, 2022
13 सांसद और 40 विधायकों के अलावा शिंदे कैंप का जोर अब उद्धव ठाकरे के करीबी जिलाध्यक्षों और इकाइयों को तोड़ने पर है। दरअसल, शिवसेना के ‘तीर-धनुष’ चुनाव चिह्न को हासिल करने के लिए उद्धव और शिंदे कैंप के बीच चुनाव आयोग में जंग चल रही है। दोनों पक्षों ने इस चुनाव चिह्न को हासिल करने के लिए सबूत दिए हैं। जिनका परीक्षण आयोग कर रहा है। जिस पक्ष के साथ पार्टी के ज्यादातर सांसद, विधायक और जिला इकाइयां देंगी, उसी को चुनाव चिह्न मिलेगा।