नई दिल्ली। अब तक तो इस्लामी नेता तालिबान की तारीफ ही कर रहे थे, लेकिन अब वे तालिबान जैसा बयान भी देने लगे हैं। जमीयत उलेमा-ए-हिंद JUH के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने सभी गैर मुस्लिमों से कहा है कि वे अपनी बेटियों को को-एजुकेशन वाले स्कूलों में न भेजें। इसके लिए मदनी ने तर्क किया है कि इससे लड़कियों को छेड़छाड़ जैसी परेशानियों से बचाया जा सकेगा। मौलाना अरशद मदनी ने लड़कियों के लिए अलग स्कूलों की भी वकालत की है। बता दें, कि इसी तरह के बयानों की वजह से तमाम मुसलमान अपनी बच्चियों को लड़कों के साथ को-एजुकेशन स्कूलों में नहीं भेजते हैं और इस वजह से उनकी पढ़ाई पर असर पड़ता है।
इससे पहले यूपी के संभल से सपा के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने तालिबान की तारीफ की थी। उनके बेटे ने भी तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के गुण गाए थे। इस मामले में बीजेपी के स्थानीय नेता ने शफीकुर्रहमान के खिलाफ पुलिस में केस भी दर्ज कराया है। बर्क के अलावा कई और मुस्लिम नेता भी तालिबान की तारीफ कर चुके हैं।
अब मौलाना अरशद मदनी ने गैर मुस्लिमों से अपनी बेटियों को को-एजुकेशन स्कूलों में न भेजने की अपील करके एक तरह से तालिबानी बयान ही दिया है। बता दें कि अफगानिस्तान पर दोबारा काबिज हुए तालिबान ने वहां को-एजुकेशन स्कूल बंद करा दिए हैं। तालिबान ने लड़कियों के लिए अलग स्कूल और उनके लिए महिला टीचर रखने का एलान किया है। महिला टीचर अब लड़कों के स्कूल में भी नहीं पढ़ाएंगी।