नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के सियासी घमासान और ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने की खबरों के बीच इस मामले पर शिवसेना की तरफ से भी बयान आने शुरू हो गए हैं। आपको बता दें कि शिवसेना की तरफ से जो बयान आए हैं उसका सीधा सा आशय यह है कि कांग्रेस में उचित सम्मान नहीं मिलने की वजह से ही ज्योतिरादित्य सिंधिया का पार्टी से मोहभंग हो गया और उन्होंने पार्टी छोड़ने का निर्णय ले लिया।
आपको बता दें कि शिवसेना नेता संजय राउत ने एक बयान में कहा है कि ज्योतिरादित्य पॉपुलर नेता हैं उन्होंने काफी मेहनत की थी उनका उचित सम्मान होता तो आज कमलनाथ सरकार खतरे में नही आती।
महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार के बारे में बोलते हुए राउत ने कहा कि यहां प्रदेश में सरकार मजबूत है। एमपी का वाइरस महाराष्ट्र में नही आएगा। सोनिया गांधी, शरद पवार और उद्धव ठाकरे के बीच अच्छा कम्युनिकेशन है। महाराष्ट्र में ऑपरेशन कमल कामयाब नहीं होगा। इसके पहले भी कोशिश की 80 घंटे ही सरकार चली फिर क्या हुआ। यहां महाविकास आघाडी की सरकार मजबूती से चलेगी।
शिवसेना महाराष्ट्र में राकांपा और कांग्रेस के साथ गठबंधन सरकार चला रही है। वहीं, पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार गिरने के कगार पर है क्योंकि राज्य में कांग्रेस के 21 विधायकों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने के बाद मंगलवार को इस्तीफा दे दिया। मध्य प्रदेश में राजनीतिक घटनाक्रम के बीच राउत ने कहा कि महाराष्ट्र विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के लिए चिंता की कोई बात नहीं है।
महाराष्ट्राची ‘पाॅवर’ वेगळी आहे. एक ऑपरेशन शंभर दिवसापूर्वी फसले आहे.त्यानंतर महाविकास आघाडीने बायपास ऑपरेशन करून महाराष्ट्र वाचवला.मधयप्रदेशचा वायरस महाराष्ट्रत घुसणार नाही. चिंता नसावी.
जय महाराष्ट्र— Sanjay Raut (@rautsanjay61) March 11, 2020
शिवसेना नेता ने मराठी में ट्वीट किया, ‘मध्य प्रदेश वायरस महाराष्ट्र में नहीं घुसेगा। महाराष्ट्र की सत्ता अलग है। 100 दिन पहले एक अभियान विफल हो गया था। महा विकास अघाड़ी ने बाईपास सर्जरी की और महाराष्ट्र को बचाया।’