newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

कारगिल विजय दिवस 2020 : भारत के वीर जवानों ने कुछ इस तरह से पाक को याद दिलाई थी उसकी औकात

स्वतंत्र भारत के लिये एक महत्वपूर्ण दिवस है। इसे हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है। ये दिन कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों के सम्मान में मनाया जाता है।

नई दिल्ली। स्वतंत्र भारत के लिये एक महत्वपूर्ण दिवस है। इसे हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है। ये दिन कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों के सम्मान में मनाया जाता है। कारगिल युद्ध लगभग 60 दिनों तक चला और 26 जुलाई को उसका अंत हुआ। इसमें भारत की विजय हुई।

कारगिल युद्ध को हुए 21 साल

कारगिल युद्ध में भारत को मिली विजय को 21 साल हो गए। ऑपरेशन विजय चलाते हुए भारत ने 26 जुलाई, 1999 को पाकिस्तान को पूरी तरह से खदेड़ते हुए जीत का ऐलान किया था। यह जंग ऐसे समय छिड़ी थी, जब दोनों देशों की सरकारों में शांति बहाल होने के प्रयास जारी थे।

ऐसे रची पाक ने कारगिल में हमला करने की साजिश

तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पाक पीएम नवाज शरीफ के न्योते पर लाहौर गए। बस सेवा शुरू की गई। मगर दूसरी तरफ पाकिस्तान ने पीठ में छुरा घोंपते हुए कारगिल में हमला करने की साजिश रच डाली। कहा जाता है कि इस साजिश के बारे में खुद नवाज शरीफ को भी नहीं पता था। दरअसल कारगिल पर कब्जे की साजिश कोई रातों रात नहीं रची गई थी। एक शीर्ष सैन्य अधिकारी के दिमाग में यह खिचड़ी कई बरसों से पक रही थी।

kargil war

 

सियाचिन में 1984 में भारत के हाथों मिली हार को वो पचा नहीं पा रहा था। उस समय वह पाकिस्तान की कमांडो फोर्स में मेजर हुआ करता था। इसलिए उसकी साजिश सियाचिन पर कब्जा करने की थी। इस योजना को बेनजीर भुट्टो के सामने पेश किया, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। इससे पहले जनरल जियाउल हक के सामने भी यह पेशकश हुई, लेकिन उन्होंने भी इसमें रुचि नहीं ली। सियाचिन में मिली हार जिस शख्स को बहुत बुरी लगी थी, उसका नाम है जनरल परवेज मुशर्रफ। 1999 में यही शख्य पाकिस्तानी सेना का प्रमुख था। इसलिए जब दोनों देशों के रिश्ते सुधर रहे थे, तो उसने बौखलाहट में यह कदम उठाया। और पाक ने कारगिल में हमला किया।