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LG VK Saxena Lashed Out At Water Crisis In Delhi : आपदा में राजनीतिक अवसर खोज रही केजरीवाल सरकार, दिल्ली में जल संकट पर बरसे एलजी वीके सक्सेना

LG VK Saxena Lashed Out At Water Crisis In Delhi : उपराज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में पेयजल आपूर्ति एक चुनौती बन गई है। दिल्ली के मंत्री अपनी नाकामी को छुपाने के लिए पड़ोसी राज्यों पर दोष मढ़ रहे हैं।

नई दिल्ली। दिल्ली में जारी जल संकट के बीच केजरीवाल सरकार की मंत्री आतिशी के अनिश्चितकालीन अनशन को लेकर उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने जमकर निशाना साधा है। एलजी ने कहा कि दिल्ली सरकार में शामिल नेता आपदा के इस समय में राजनीतिक अवसर तलाशते हुए दूसरों पर दोषारोपण कर रहे हैं।

उपराज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में पेयजल आपूर्ति एक चुनौती बन गई है। दिल्ली के मंत्री अपनी नाकामी को छुपाने के लिए पड़ोसी राज्यों पर दोष मढ़ रहे हैं। पिछले कुछ हफ्तों में केजरीवाल सरकार के मंत्रियों की तीखी बातचीत विभिन्न स्तरों पर चिंताजनक और संदिग्ध रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली पूरी तरह से उत्तर प्रदेश और हरियाणा से पेयजल आपूर्ति पर निर्भर है। जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा बनाए गए संस्थागत तंत्र के माध्यम से अंतरराज्यीय जल-बंटवारा व्यवस्था तय की जाती है। इसी के तहत सभी पक्षों के हस्ताक्षरित समझौतों के अनुसार ही राज्य दूसरे प्रदेश के लिए पानी छोड़ने के लिए बाध्य हैं। साथ ही वहां की सरकार की यह जिम्मेदारी है कि शहर भर में पानी की समान आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जल संसाधन का कुशलतापूर्वक उपयोग किया जाए।

आपको बता दें कि दिल्ली में बीते कई दिनों से पानी की समस्या चल रही है जो दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। दिल्ली की जल मंत्री आतिशी इसके लिए हरियाणा को जिम्मेदार ठहरा रही हैं। उनका कहना है कि हरियाणा दिल्ली को कम पानी सप्लाई कर रहा है। कल भी अपना अनशन शुरू करने से पहले आतिशी ने कहा था कि हरियाणा 613 एमजीडी की जगह 513 एमजीडी पानी दे रहा है, मतलब प्रतिदिन 100 मिलियन गैलन पानी कम दे रहे हैं। मैंने हरियाणा सरकार से दिल्ली के हक का पानी मांगने के लिए हर संभव प्रयास किया लेकिन उन्होंने नहीं दिया। मैंने हिमाचल सरकार से भी गुहार लगाई और वो अतिरिक्त पानी देने के लिए तैयार भी हो गया लेकिन वो पानी भी हरियाणा से होकर आना था, इसमें भी हरियाणा सरकार ने अड़ंगा लगा दिया। अब जब मेरे सामने कोई रास्ता नहीं बचा तो मैंने गांधी जी के बताए सत्याग्रह के रास्ते पर चलने का निश्चिय किया।