नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली से होकर बहने वाली यमुना नदी को साफ करने की एक बार फिर नई डेडलाइन केजरीवाल सरकार के पर्यावरण विभाग ने दी है। पर्यावरण विभाग ने दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना को बताया है कि इस साल दिसंबर तक यमुना में गिरने वाले सभी गंदे नालों का पानी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए साफ करना शुरू कर दिया जाएगा। सीवेज साफ होकर ही यमुना नदी में जाएगा। इससे यमुना की हालत पहले से बेहतर हो जाएगी। उसकी गंदगी दूर होगी। बता दें कि यमुना नदी को साफ करने की इससे पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल कई बार डेडलाइन दे चुके हैं, लेकिन इस दिशा में काम नहीं कर सके।
केजरीवाल सरकार के पर्यावरण विभाग की ताजा डेडलाइन से पहले लेफ्टिनेंट गवर्नर के दफ्तर से मीडिया को बताया गया था कि दिल्ली में पिछले 8 साल में यमुना में गंदगी और बढ़ी है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के बाद यमुना के लिए गठित उच्चस्तरीय कमेटी की पहली बैठक में ये जानकारी डीपीसीसी और पर्यावरण विभाग ने इस बारे में रिपोर्ट जारी कर बताया था। कमेटी की पहली बैठक बीती 14 जनवरी को हुई थी। इसकी अध्यक्षता लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना ने की थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक ओखला बैराज पर बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड 2014 के 32 की जगह अब 56 तक पहुंच गया है। रिपोर्ट कहती है कि 2019 के अलावा हर साल यमुना में प्रदूषण बढ़ा है।
बता दें कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने पहली बार सत्ता संभालने के बाद कहा था कि वो 5 साल में यमुना नदी को साफ कर देंगे। इसके बाद दूसरी बार सरकार बनाने के बाद भी उन्होंने यमुना को हर हाल में साफ करने का वादा किया था। इसके बाद भी हालत ये है कि यमुना में बीते 8 साल से प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है।