नई दिल्ली। दिल्ली इस वक्त प्रदूषण बेहद गंभीर श्रेणी में पहुंच चुका है। प्रदूषण का आलम ये है कि दिल में भी विजीविलिटी कम हो गई है। सांस से सबंधित बीमार लोगों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में फैले प्रदूषण मामले पर सुनवाई की और कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि सिर्फ़ कोरोना से बचने के लिए नहीं बल्कि प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए भी लॉकडाउन लगाया जाना चाहिए!
दिल्ली के स्कूल एक हफ्ते के लिए बंद
कोर्ट की तल्ख टिप्पणी के बाद दिल्ली सरकार हरकत में आई और आनन-फानन में प्रदूषण पर एक आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर चर्चा की गई। दिल्ली सरकार की इस हाईलेवल मीटिंग में फैसला लिया गया कि सोमवार से एक सप्ताह के लिए सभी सरकारी स्कूल बंद रहेंगे ताकि बच्चों को प्रदूषित हवा में सांस न लेनी पड़े। इसके अलावा दिल्ली में 14 से 17 नवंबर तक कंस्ट्रक्शन एक्टिविटीज पर रोक लगाईं गई है।
Govt offices to operate from home (WFH) at 100% capacity for a week. Private offices to be issued an advisory to go for WFH option as much as possible: Delhi CM Arvind Kejriwal pic.twitter.com/6TiPb1B8GD
— ANI (@ANI) November 13, 2021
Construction activities not to be allowed (between November 14-17): Delhi CM Arvind Kejriwal pic.twitter.com/VTY1xBIKil
— ANI (@ANI) November 13, 2021
For a week from Monday onwards, schools will be physically closed; to continue virtually so that children don’t have to breathe polluted air: Delhi CM Arvind Kejriwal pic.twitter.com/JqdSMTQ8jk
— ANI (@ANI) November 13, 2021
सरकारी कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम
इतना ही नहीं बैठक में फैसला लिया गया है कि दिल्ली के सरकारी ऑफिस के कर्मचारी एक सप्ताह के लिए वर्क फ्रॉम होम करेंगे। सभी सरकारी दफ्त्तर बंद रहेंगे। वहीँ ये भी फैसला हुआ है कि सुप्रीम कोर्ट के लॉकडाउन लगाए जाने की सलाह पर भी कोर्ट के समक्ष प्रस्ताव रखेंगे कि किस तरीके से लॉकडाउन लगाया जा सकता है।
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