कटरा। नए साल के पहले दिन जम्मू-कश्मीर से बुरी खबर आई है। कटरा में माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जा रहे लोगों में भगदड़ मच गई। सरकारी तंत्र के मुताबिक भगदड़ में मरने वालों की संख्या 12 हो गई है। 13 अन्य घायल बताए जा रहे हैं। यहां बचाव का काम तेजी से किया गया। जिसकी वजह से हताहतों की संख्या ज्यादा नहीं हुई। घायलों को पहले कटरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया था। देशभर से नए साल के मौके पर श्रद्धालु वैष्णो देवी के दर्शन के लिए पहुंचे थे। खबरों के मुताबिक बीती रात 12 बजे भक्तों ने मां के दरबार की ओर जाना शुरू किया। इसी दौरान आज तड़के वहां भगदड़ मच गई। इससे लोग एक दूसरे पर गिरने लगे और पैरों के बीच रौंदे जाने से मौतें हुईं।
#UPDATE | Katra: 6 dead in the stampede at Mata Vaishno Devi Bhawan, exact number not there yet. Their post mortem will be done. Injured being taken to Naraina hospital, total number of injured not confirmed either: Dr Gopal Dutt, Block Medical Officer, Community Health Centre https://t.co/LaOpUdyuCG pic.twitter.com/xtKVnrYGHY
— ANI (@ANI) January 1, 2022
हादसे की जानकारी मिलते ही जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे मौके पर पहुंचकर तत्काल बचाव का काम शुरू करें। तत्काल वहां एंबुलेंस और अन्य जरूरी चीजें भेजी गईं। माता का दरबार त्रिकुटा पहाड़ी पर है। यहां पैदल ही जाया जाता है। गाड़ी यहां पहुंच नहीं सकती। इस वजह से घायलों को स्ट्रेचर पर उठाकर नीचे लाकर अस्पताल भेजा गया है। ताजा खबरों के मुताबिक घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद नारायणा अस्पताल में दाखिल कराया गया है।
जम्मू-कश्मीर: माता वैष्णो देवी भवन में भगदड़ मचने से कुछ लोग घायल हुए हैं, बचाव अभियान जारी है। pic.twitter.com/mkdbxsTlOW
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 1, 2022
बीते 5 साल में 31 दिसंबर को माता के दर्शन करने वाले भक्तों की तादाद 50000 का आंकड़ा पार करती रही है। इस बार कोरोना के कारण ये संख्या कम रखी गई थी। कोरोना के बाद भी बीते साल माता वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए भक्तों के आने का सिलसिला जारी रहा था। बीते साल 56 लाख से ज्यादा भक्तों ने यहां सिर नवाया था। इससे पहले साल 2020 में 17 लाख भक्त ही यहां आए थे। कोरोना से पहले साल 2019 में 79 लाख, 2018 में 85 लाख और 2017 में करीब 82 लाख भक्तों ने माता के दर्शन किए थे। जबकि, इससे पहले भक्तों की तादाद करोड़ों तक पहुंचा करती थी।