नई दिल्ली। केरल में मानव बलि देने की सनसनीखेज वारदात का खुलासा हुआ है। सूत्रों के अनुसार यहां दो महिलाओं के बलि देने की घटना सामने आने के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है। पुलिस ने इस मामले तीनों आरोपियों को धर दबोच लिया है। पुलिस ने इस केस में मोहम्मद शफी, भगवंत सिंह और उसकी पत्नी लैला को गिरफ्तार किया है। वहीं पुलिस ने तीनों आरोपियों को एर्नाकुलम जिल सत्र कोर्ट में पेश किया गया। जहां अदालत ने तीनों आरोपियों को 26 अक्टूबर तक यानि 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। बताया जा रहा है कि भगवंत सिंह और उसकी पत्नी लैला ने बीते कई समय आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे और पैसा कमाने के लिए तंत्र-मंत्र का सहारा लिया। इसके बाद दोनों ने तांत्रिक मोहम्मद शफी से संपर्क किया। फिर उसके कहने पर दोनों महिलाओं की बलि दी।
‘Human sacrifice’ in Kerala | Ernakulam District Sessions Court remands the three accused to judicial custody till October 26 https://t.co/WKRGw29LpZ
— ANI (@ANI) October 12, 2022
इसी बीच पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपी दंपति ने पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है। आरोपियों ने बलि देने के बाद महिलाओं का मांस भी खाया है। इसके साथ ही ये बताया है कि आरोपियों ने एक महिला के 56 टुकड़े भी किए और मांस भी खाया। कोच्चि के पुलिस कमिश्नर सीएच नागराजू के अनुसार दोनों महिलाओं की हत्या पत्थनमथिट्टा जिले के एलांथूर गांव में की गई। पुलिस ने ये भी बताया है कि शफी ने ही दोनों महिलाओं को पैसा लालच देकर अगवा किया और फिर आरोपी के घर पर ही बलि भी ली। मृतक महिला की पहचान पद्मम (52) और रोसिली (50) के रूप के तौर पर हुई है। दोनों ही महिला अपना घर चलाने के लिए लॉटरी बेचने का काम करती थी।
बताया जा रहा है कि एक महिला जून में और सितंबर से लापता था। इस सनसनीखेज वारदात के सामने आने के बाद राज्य में सियासत भी तेज हो गई है। भाजपा ने केरल की वामपंथी सरकार को निशाने पर लिया है। इसके साथ ही भाजपा ने प्रदेश में सत्तारूढ़ CPM पर बड़ा आरोप लगाया है। भाजपा के मुताबिक आरोपी भगवंत सिंह सीपीएम का सदस्य है।
Two women named Roselin and Padma were brutally murdered and buried by Bhagavanth Singh, a @CPIMKerala member in Thiruvalla. This horrific ‘human sacrifice’ happened with the help of his aide Rasheed. BJP demand a thorough investigation. Why are the social activists silent? pic.twitter.com/C3kbl4lt1O
— K Surendran (@surendranbjp) October 11, 2022