नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अगले साल विधानसभा चुनाव होने में अब कुछ महीने शेष रह गए है। ऐसे में सत्ताधारी पार्टी भाजपा समेत सभी दलों राज्य की जनता को लुभाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाने में जुट गए है। साथ ही सभी पार्टियां एक दूसरे पर हमलावर भी हो गई है। वहीं यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सभी दल हिंदुत्व के एजेंड़े पर वापस लौटते दिख रहे है। चाहे समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव हो या फिर बसपा चीफ मायावती या कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी हो सभी हिंदुत्व के एजेंडा पर चल रहे है। वहीं इन दिनों उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का एक बयान चर्चा का विषय बना हुआ है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के यूपी चुनाव से ठीक पहले ‘अब मथुरा की बारी है’ के बयान पर जमकर सियासत हो रही है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती उनके इस बयान पर हमलावर हो गई हैं।
आपको बता दें कि केशव प्रसाद मौर्य ने कुछ दिनों पहले कहा था कि अयोध्या और मथुरा में भव्य मंदिर निर्माण जारी है और अब मथुरा की बारी है। उनके इस बयान पर अखिलेश यादव समेत विपक्षी पार्टियों ने निशाना साधा। जिसके बाद अब केशव प्रसाद मौर्य ने खुद मोर्चा संभालते हुए पलटवार किया है।
विपक्षी पार्टियों पर जोरदार प्रहार करते हुए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ”मथुरा में भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर बने, यह हर कृष्ण भक्त की इच्छा है। हमने ट्वीट के जरिए भाव को व्यक्त किया। उन्होंने आगे कहा कि, मैं विपक्ष के नेताओं से पूछना चाहता हूं कि मथुरा में श्री कृष्ण के भव्य मंदिर बनने का विरोध करते हैं या समर्थन करते हैं। चुनाव का मुद्दा ना भगवान श्रीराम का मंदिर है, ना ही श्री कृष्ण जी का मंदिर है।
केशव प्रसाद मौर्य पर मायावती का हमला
उधर बसपा प्रमुख मायावती ने भी गुरुवार को केशव प्रसाद मौर्य के ‘अब मथुरा की बारी है’ पर वाले बयान पर प्रतिक्रिया दी है। मायावती ने डिप्टी सीएम पर हमला बोलते हुए हिन्दू-मुस्लिम राजनीति से भी जनता को सावधान रहने को कह दिया।
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य द्वारा विधानसभा आमचुनाव के नजदीक दिया गया बयान कि अयोध्या व काशी में मन्दिर निर्माण जारी है अब मथुरा की तैयारी है, यह भाजपा के हार की आम धारणा को पुख्ता करता है। इनके इस आखिरी हथकण्डे से अर्थात् हिन्दू-मुस्लिम राजनीति से भी जनता सावधान रहे।
— Mayawati (@Mayawati) December 2, 2021