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Uttarakhand: जानिए उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बारे ये खास बातें, जो आपको जरूर जानना चाहिए

Pushkar Singh Dhami: पुष्कर सिंह धामी के पारिवारिक पृष्ठभूमि की बात करें तो पुष्कर सिंह धामी का जन्म जनपद पिथौरागढ़ की ग्राम सभा टुण्डी, तहसील डीडीहाट में हुआ है।

नई दिल्ली। उत्तराखंड (Uttarakhand) को अगले विधानसभा चुनाव से पहले नया मुख्यमंत्री मिला है। राज्य में चल रही राजनीतिक उठापटक के बीच उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) होंगे। शनिवार को इसकी घोषणा बीजेपी विधायक दल की बैठक में हुई। बता दें कि पुष्कर सिंह धामी खटीमा विधानसभा सीट से भाजपा विधायक हैं। धामी उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। उत्तराखंड भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, मेरी पार्टी ने एक सामान्य से कार्यकर्ता को सेवा का अवसर दिया है। जनता के मुद्दों पर हम सबका सहयोग लेकर काम करेंगे। वहीं पुष्कर सिंह धामी राज्य में भाजपा के युवा चेहरे हैं, और अगले विधानसभा चुनाव तक सूबे की कमान उन्ही के हाथों में होगी। वहीं पुष्कर सिंह धामी को लेकर कुछ ऐसी बातें जो आप शायद नहीं जानते होंगे, तो चलिए आपको बताते हैं कि आखिर कौन हैं पुष्कर सिंह धामी।

Pushkar Singh Dhami

पुष्कर सिंह धामी के पारिवारिक पृष्ठभूमि की बात करें तो पुष्कर सिंह धामी का जन्म जनपद पिथौरागढ़ की ग्राम सभा टुण्डी, तहसील डीडीहाट में हुआ है। उनका परिवार बेहद ही साधारण परिवार रहा। उनकी शिक्षा सरकारी स्कूल में हुई है। पुष्कर सिंह धामी 1990 से 1999 तक जिले से लेकर राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में कई अलग-अलग पदों पर रहकर कार्य किया।

इसके अलावा उनकी कुशल नेतृत्व क्षमता, संधर्षशीलता एवं अदम्य सहास जैसी खूबियों के चलते वो दो बार भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी बने। वहीं 2002 से 2008 तक लगातार पूरे उत्तराखंड में धामी ने जगह-जगह घूमकर युवा बेरोजगार को संगठित किया और उन्होंने कई विशाल रैलियां एवं सम्मेलन आयोजित किये। उनके परिश्रम के चलते राज्य में भाजपा ग्राफ भी बढ़ा।

Pushkar Singh Dhami

उनके इस परिश्रम का नतीजा रहा कि, उस समय की प्रदेश सरकार से स्थानीय युवाओं को राज्य के उद्योगों में 70 प्रतिशत आरक्षण दिलाने में सफलता प्राप्त की। इसी के दौरान उन्हाेंने 11 जनवरी 2005 को उत्तराखंड के 90 युवाओं के साथ विधानसभा का घेराव कर सरकार पर दबाव बनाया और ऐतिहासिक रैली आयोजित की। जिसे युवा शक्ति प्रदर्शन के रूप में उदाहरण स्वरूप आज भी याद किया जाता है। फिलहाल 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने जीत दर्ज की। वर्तमान में वह खटीमा विधानसभा सीट से विधायक हैं।