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PM Modi On G20 Virtual Meet: पीएम मोदी ने यूं ही नहीं दिया नवंबर में जी-20 की वर्चुअल बैठक का प्रस्ताव, वजह जानकर आप तारीफ किए बिना नहीं रहेंगे

पीएम नरेंद्र मोदी कामकाज के अपने अलग ही अंदाज के लिए पहचाने जाते हैं। साल 2014 में वो जब पीएम बने, तभी से केंद्र सरकार के कामकाज में जबरदस्त बदलाव पीएम मोदी लाए हैं। इसी अलग अंदाज से कामकाज का तरीका मोदी ने एक बार फिर दिखाया है।

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी कामकाज के अपने अलग ही अंदाज के लिए पहचाने जाते हैं। साल 2014 में वो जब पीएम बने, तभी से केंद्र सरकार के कामकाज में जबरदस्त बदलाव पीएम मोदी लाए हैं। लोगों तक योजनाओं का लाभ सीधे पहुंचाने का करिश्मा कर दिखाने वाले पीएम मोदी पहले प्रधानमंत्री भी हैं। इसी अलग अंदाज से कामकाज का तरीका मोदी ने एक बार फिर दिखाया है। इस बार मोदी का ये जुदा अंदाज जी-20 देशों के नेताओं ने देखा। मोदी ने जी-20 शिखर बैठक के समापन के मौके पर जो प्रस्ताव दिया, वैसा आज तक इस संगठन के इतिहास में शायद कभी नहीं हुआ।

मोदी ने जी-20 के समापन सत्र के भाषण में प्रस्ताव दिया कि संगठन की एक वर्चुअल मीटिंग इस साल नवंबर में भी हो। मोदी ने कहा कि भारत के पास इस साल नवंबर तक जी-20 की अध्यक्षता है। इसमें अभी दो-ढाई महीने बचे हैं, तो क्यों न हम नवंबर में वर्चुअल मीटिंग करें और उसमें देखें कि इस शिखर बैठक में जो बातें हमने तय की हैं, उनको लेकर कितनी प्रगति कर पाए हैं। साफ है कि मोदी ये खुद भी देखना चाहते हैं और दुनिया को दिखाना भी चाहते हैं कि जी-20 महज सिर्फ मीटिंग कर बड़ी-बड़ी बातें करने वालों का मंच ही नहीं है। मोदी ये दिखाना चाहते हैं कि दुनिया के 20 सबसे ताकतवर मुल्क मिलकर इस दुनिया के लिए हकीकत में क्या कर रहे हैं।

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तो ये मानकर चलना चाहिए कि नवंबर 2023 में एक बार फिर मोदी की अध्यक्षता में जी-20 देशों का वर्चुअल शिखर सम्मेलन होगा। उस सम्मेलन में सभी देश और नए जुड़े अफ्रीकन यूनियन की तरफ से तय किए गए लक्ष्यों की प्रगति पर चर्चा होगी। दुनिया में हर रोज कुछ न कुछ बदलाव होता रहता है। भू-राजनैतिक, आर्थिक, सुरक्षा जैसी चीजें ऐसी हैं, जिनकी स्थिति पल-पल बदलती है। ऐसे में पीएम मोदी की तरफ से जो वर्चुअल बैठक का प्रस्ताव दिया गया है, वो जी-20 देशों को और प्रासंगिक बनाने की दिशा में कारगर होगा।