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Maharashtra Politics: किसी पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है, तो किसी पर करप्शन का…जानिए अजित पवार के साथ गए गए नेताओं का बैकग्राउंड

Maharashtra Politics: अब आगामी दिनों में सभी 9 विधायकों को कौन-सा मंत्रालय आवंटित किया जाता है। इस पर नजरें बनी रहेंगी। इसी बीच खबर है कि अजित पवार को वित्त मंत्रालय का प्रभार आवंटित किया जा सकता है, चूंकि इससे पहले भी उनके जिम्मे इस मंत्रालय का प्रभार रहा है। आइए, आगे इस रिपोर्ट में हम आपको अजित पवार के साथ शिंदे सरकार में शामिल हुए सभी 9 नेताओं की पृष्ठिभूमि के बारे में विस्तार से बताते हैं।

नई दिल्ली। महाराष्ट्र की राजनीति में फिर से खेला हो गया, लेकिन इस बार खिलाड़ी कोई और है। इस बार खिलाड़ी हैं शरद पवार के भतीजे अजित पवार। इस बार अजित ने अपने चाचा को गच्चा देने में कोई कसर नहीं छोड़ा। अजित ने साबित कर दिया कि राजनीति में कोई किसी का सगा नहीं होता है। पहले चाचा ने अपनी बेटी सुप्रिया सुले को एनसीपी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर भतीजे को गच्चा दिया। फिर इसके बाद भतीजे ने अपने समर्थकों के साथ शिंदे के साथ हाथ मिलाकर अपने चाचा को गच्चा दे डाला। अब चाचा शरद की हालत ऐसी हो चुकी है कि वो अपनी पार्टी को बचाने की जुगत में सियासी मोर्चे पर तैनात होकर गुना भाग लगा रहे हैं। कल प्रेसवार्ता में उन्होंने दो टूक कह दिया कि मैं अपने राजनीतिक जीवन में कई मर्तबा ऐसी घटनाओं का सामना कर चुका हूं। मैंने ही इस पार्टी की स्थापना की थी और दोबारा इसे खड़ा करूंगा।

ajit pawar

बहरहाल, अब वो अपनी पार्टी को खड़ी करने में सफल हो पाते हैं की नहीं। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा। उधर, अजीत से जब मीडिया के द्वारा उनके इस कदम को लेकर शरद पवार के रूख पर सवाल किया गया, तो उनके इस कदम में उनका साथ किसी और ने नहीं, बल्कि एनसीपी के वरिष्ठों नेताओं ने ही दिया। अब एनसीपी में शरद पवार से ज्यादा कोई वरिष्ठ तो है नहीं। पद के लिहाज से देखे, तो शरद पवार के अलावा अगर कोई पार्टी में वरिष्ठ है, तो वो सुप्रिया सुले ही हैं। हालांकि, सुले अजीत से उम्र में छोटी हैं।

ajit pawar and sharad pawar

बता दें कि बीते रविवार को अजित पवार ने अपने 9 समर्थक विधायकों के साथ सीएम एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए। सभी ने राजभवन में शपथ लिया। अजित पवार को डिप्टी सीएम पद की शपथ दिलाई गई, तो वहीं बाकी के आठ विधायकों को मंत्री पद की शपथ। अब आगामी दिनों में सभी 9 विधायकों को कौन-सा मंत्रालय आवंटित किया जाता है। इस पर नजरें बनी रहेंगी। इसी बीच खबर है कि अजित पवार को वित्त मंत्रालय का प्रभार आवंटित किया जा सकता है, चूंकि इससे पहले भी उनके जिम्मे इस मंत्रालय का प्रभार रहा है। आइए, आगे इस रिपोर्ट में हम आपको अजित पवार के साथ शिंदे सरकार में शामिल हुए सभी 9 नेताओं की पृष्ठिभूमि के बारे में विस्तार से बताते हैं।

1 . अजित पवार

अजित पवार बीते रविवार को शिंदे सरकार में शामिल हुए। उन्हें डिप्टी सीएम बनाया गया। 2019 में भी देवेंद्र फडणवीस के साथ सरकार बनाई थी। तब भी उन्हें डिप्टी सीएम ही बनाया गया था, लेकिन वो सरकार महज 80 घंटे तक ही चली। इसके बाद वे महाविकास अघाड़ी सरकार में शामिल हो गए। जहां उन्हें डिप्टी सीएम की कमान सौंपी गई। अजित पवार पर महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक की ओर से लोन दिए जाने के दौरान अनियमितता बरतने का आरोप है। यह लोन उन्हें 2005 और 2010 के दौरान दिया गया था। आर्थिक अपराध शाखा इसकी जांच कर रही है।

ajit pawar

बीते दिनों इस मामले में उनके खिलाफ आरोपपत्र भी दायर किया जा चुका है। इसके अलावा वो सिंचाई घोटाले में भी आरोपी है। जिसकी जांच जारी है। हालांकि, अभी तक उन्हें ईडी द्वारा आरोपी नहीं बनाया गया है। बता दें कि शिंदे सरकार में शामिल होने के बाद विपक्षियों द्वारा उन पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने जांच से बचने के लिए इस तरह का कदम उठाया है।

2. छगन भुजबल

छगन भुजबल एनसीपी के नासिक के येवला से विधायक हैं। वे पांच बार के विधायक हैं। वे माली समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं। बता दें कि 1999 में जब एनसीपी का गठन किया गया था, तो वो पार्टी के पहले चेयरमैन बनाए गए थे। उन पर आरोप है कि पीडब्लूडी मंत्री रहते हुए उन्होंने 2006 में 100 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट का कॉन्ट्रैक्ट देने में अनियमितताएं बरती थी। बीते दिनों ईडी ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भी शिकंजा कसा था।

इस मामले में उन्हें दो साल जेल में भी रहना पड़ा था। इसके अलावा उन पर मुंबई यूनिवर्सिटी में करप्शन करने के भी आरोप लग चुके हैं। इन सभी मामलों में उनके खिलाफ जांच का सिलसिला जारी है। अब आगामी दिनों में जांच एजेंसियों द्वारा उनके खिलाफ क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

3. हसन मुशरिफ

हसन मुशरिफ कोल्हापुर के कागल विधानसभा से पांच मर्तबा विधायक रह चुके हैं। वे श्रम मंत्री भी रह चुके हैं।

वे एक बड़ा मुस्लिम चेहरा भी माने जाते हैं। ईडी ने बीते दिनों उनके खिलाफ सर सेनापति संताजी घोरपड़े शुगर फैक्ट्री लिमिटेड के कामकाज में अनियमितता बरतने के आरोप में कार्रवाई की थी।

4. दिलीप वलसे पाटिल

दिलीप वलसे पाटिल अंबेगांव से पांच बार विधायक रह चुके हैं। वे शरद पवार के करीबी बताए जाते हैं। इसके अलावा वे विधानसभा के अध्य़क्ष भी रह चुके हैं।

5. धनजंय मुडे

वे परली से विधायक रह चुके हैं। वे अजीत पवार के करीबी बताए जाते हैं। 2019 में भी उन्होंने पवार का साथ दिया था।

6. अदिति तटकरे

अदिति तटकरे सांसद सुनिल तटकरे की बेटी हैं। श्रीवर्धन सीट से वे पहली बार विधायक बनी थीं। उद्धव ठाकरे सरकार में उन्हें सर्वाधिक विभाग आवंटित किया गया था।

7. संजय भनसोडे

संजय भनसोडे लातूर जिले की उदगिर से विधायक हैं। अजीत पवार के करीबी बताए जाते हैं। इतना ही नहीं, 2019 में भी इन्होंने अजीत का साथ दिया था।

8. धरमराव आत्राम

आदिवासी समुदाय के बड़े नेता हैं। आदिवासी समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं।

9. अनिल पाटिल

अनिल पाटिल महाराष्ट्र विधानसभा के सचेतक हैं। अजित पवार के करीबी हैं।

तो इस तरह से आप अजित पवार के साथ गए सभी विधायकों की पृष्ठिभूमि के बारे में विस्तार में जान सकते हैं कि उन्होंने किस स्थिति में उनका साथ दिया है, लेकिन जिस तरह के दावे शिवसेना नेता संजय राउत सहित अन्य नेताओं के द्वारा अजित पवार के कदम को लेकर किए जा रहे हैं, क्या वे दावे अब आगामी दिनों में वास्तविकता में तब्दील हो पाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

ajit pawar and sharad pawar

दरअसल, बीते दिनों रविवार को राउत ने मीडिया से बताचीत के दौरान कहा था कि अजीत पवार के साथ गए सभी विधायक आगामी दिनों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोग्य घोषित किए जाएंगे। इसके अलावा सामना में प्रकाशित हुए एक लेख में यह दावा किया गया कि अजीत पवार अब शिंदे के सीएम की कुर्सी से अपदस्थ करने की तैयारी में जुट चुके हैं। बहरहाल, अब इन दावों में कितनी सच्चाई है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा, तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम छोटी बड़ी खबर से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम