नई दिल्ली। हिंदुस्तान के थॉमस कप बैडमिंटन टूर्नामेंट जीतकर इतिहास रच दिया है। ये उपलब्धि भारत के लिए बैडमिंटन जगत बेहद अहम हो जाती है। भारत ने पहली बार थॉमस कप जीतकर करोड़ो खेल प्रेमियों के चेहरे पर खुशी ला दी है। इसके साथ ही भारत ने थॉमस कप में पहली बार गोल्ड मेडल भी अपने नाम किया है। टीम इंडिया ने फाइनल में इंडोनेशिया के खिलाफ मैच में 3-0 की अजेय बढ़त बना ली है। पहले मैच में लक्ष्य सेन ने एंथोनी सिनिसुका को 8-21, 21-17, 21-16 से हराया है। दूसरा मुकाबला डबल्स में सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने 18-21, 23-21, 21-19 से जीत लिया. तीसरा मैच सिंगल्स का रहा, जिसमें किदांबी श्रीकांत ने जोनातन क्रिस्टी को 21-15, 23-21 से शिकस्त दी।
भारत की ऐतिहासिक जीत के बाद अब पूरे देश में थॉमस कप के बारे में बात हो रही है, तो ऐसे में आज हम आपको थॉमस कप के बारे में बताने जा रहे हैं।
थॉमस कप
थॉमस कप की शुरुआत 1948-49 में हुई थी। इस कप की शुरु करने का श्रेय बैडमिंटन के स्टार खिलाड़ी सर जार्ज एलन थॉमस को जाता है। दरअसल, सर जार्ज एलन थॉमस फुटबॉल विश्व कप एवं डेविस कप की तर्ज पर इस पुरुष टूर्नामेंट का आयोजन करना चाहते थे। थॉमस कप के इतिहास में आज तक सबसे ज्यादा खिताब जीतने वाला देश इंडोनेशिया है। इंडोनेशिया ने सबसे ज्यादा 14 बार थॉमस कप की ट्रॉफी को अपने नाम किया है। इसके बाद यदि थॉमस कप के आयोजने की बात करे तो पहले इसका आयोजन तीन साल में एक बार होता था। लेकिन साल 1982 के फॉर्मेट में हुए बदलाव के बाद फिर इसका आयोजन दो साल में एक बार होने लगा।
बता दें कि भारत ने थॉमस कप में अब तक 13 बार इस टूर्नामेंट में भाग लिया है। लेकिन इस साल पहली बार इस कप को जीतकर दुनियां में अपना नाम कमाया है।