newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

CM Yogi On Kashi And Mathura Masjids: ‘अयोध्या तो झांकी है, काशी-मथुरा बाकी है’, देखिए इस पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा

CM Yogi On Kashi And Mathura Masjids: राम मंदिर आंदोलन और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर के लिए नारों में शामिल रहे ‘अयोध्या तो झांकी है, काशी-मथुरा बाकी है’ की एक बार फिर गूंज सुनाई दे रही है। इसी नारे पर अब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की प्रतिक्रिया आई है।

लखनऊ। राम मंदिर का आंदोलन जब चल रहा था तो तमाम नारे भी चर्चा में रहे थे। राम मंदिर के लिए आंदोलन करने वाले लोग इन नारों को जोश से लगाते थे। हालांकि, कई लोग ऐसे नारों को भड़काने वाला भी मानते रहे। राम मंदिर आंदोलन और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर के लिए नारों में शामिल रहे ‘अयोध्या तो झांकी है, काशी-मथुरा बाकी है’ की एक बार फिर गूंज सुनाई दे रही है। वजह ये है कि वाराणसी यानी काशी की ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पास शाही ईदगाह मस्जिद के मामलों को हिंदू पक्ष कोर्ट ले गया है। अब इस मामले में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का अहम बयान आया है। सीएम योगी ने बताया है कि काशी और मथुरा के मामलों पर उनकी राय क्या है।

काशी की ज्ञानवापी मस्जिद (बाएं), दाहिनी ओर मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद।

न्यूज चैनल आजतक से खास बातचीत में योगी ने काशी की ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद के मसलों पर कोर्ट में चल रहे केस पर अपनी राय दी। योगी आदित्यनाथ ने न्यूज चैनल की तरफ से पूछे गए सवाल पर कहा कि हिंदुओं ने अयोध्या के मामले पर भी कोर्ट का फैसला माना और काशी व मथुरा के मामलों को भी कोर्ट के जरिए ही हल किया जाएगा। योगी का ये बयान इस मायने में अहम है, क्योंकि तमाम भड़काने वाले लोग आए दिन आरोप लगाते हैं कि जिस तरह अयोध्या के मसले पर हिंसा हुई, वैसा ही काशी और मथुरा के मसलों पर भी हो सकता है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने पहली बार काशी की ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद के बारे में अपनी राय इस तरह दी है।

बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद और शाही ईदगाह मस्जिद के बारे में हिंदू पक्ष का दावा है कि मुगल बादशाह औरंगजेब के आदेश पर वाराणसी में आदि विश्वेश्वर और मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान के प्राचीन मंदिरों को ढहाकर वहां मस्जिदों का निर्माण कराया गया। दोनों ही जगह वापस लेने के लिए हिंदू पक्ष ने अदालतों में केस कर रखा है। इसमें से ज्ञानवापी मामले में कोर्ट की कार्यवाही काफी आगे भी बढ़ी है और वहां के बड़े हिस्से का पुरातात्विक सर्वे भी एएसआई से कोर्ट ने कराया है।