Manish Sisodia Arrested: जानें क्या है शराब घोटाला? जिसमें गिरफ्तार हुए दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया

Manish Sisodia Arrested: हालांकि, दिल्ली सरकार इन आरोपों को सिरे से खारिज करती हुई आ रही है। बीजेपी का आरोप है कि नई शराब नीति से छोटे कारोबारी को नुकसान हुआ है। सिर्फ बड़े कारोबारियों को ही फायदा पहुंचा है। बीजेपी का दावा है कि नई शराब नीति से रिटेल कारोबारियों को फायदा पहुंचा है।

सचिन कुमार Written by: February 26, 2023 10:13 pm

नई दिल्ली। दिल्ली आबकारी नीति में कथित घोटाले के आरोप में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया गया है। उनकी गिरफ्तारी के बाद आप और बीजेपी के बीच जुबानी जंग तेज हो चुकी है। आप का आरोप है कि सिसोदिया को बीजेपी साजिशन फंसाने की कोशिश कर रही है। यह तानाशाही है। उधर, सीबीआई ने कहा कि सिसोदिया ने पूछताछ में सहयोग नहीं दिया है। उन्होंने कुछ सवालों के जवाब में देने में टालमटोल किया जिसे देखते हुए उन्हें गिरफ्तार किया गया है। उन्हें मेडिकल के लिए ले जाया जाएगा जिसके बाद उन्हें कल 2 बजे राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया जाएगा।

Manish Sisodiya

जहां से बहुत मुमकिन है कि उन्हें पुलिस हिरासत में भेज दिया जाए। उधर, उनकी गिरफ्तारी के बाद सीएम केजरीवाल सिसोदिया के परिजनों से मिलने पहुंचे। उनके साथ पंजाब के सीएम मान भी नजर आए। बता दें कि सिसोदिया  ने पहले ही अपनी गिरफ्तारी की बात कह दी थी और यह भी कहा था कि अगर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता है, तो उनकी गैर- मौजूदगी में उनके परिवार का ध्यान रखा जाए। उधर, सिसोदिया के बचाव में आम आदमी पार्टी ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दोनों ही दलों के बीच सिसोदिया की गिरफ्तारी को लेकर जुबानी तीर चलाए जा रहे हैं। ऐसे में आइए आगे जानते हैं कि आखिर पूरा माजरा क्या है,  जिसमें सिसोदिया को गिरफ्तार किया है।

 क्या दिल्ली शराब नीति ?

तो सबसे पहले आप यह जान लीजिए कि 17 नवंबर 2021 को दिल्ली में नई शराब नीति लागू की गई थी। इस नीति के तहत दिल्ली की 100 फीसद शराब की दुकानों का निजीकरण कर दिया गया था। यानी की शराब की सभी दुकानों का नियंत्रण निजी उद्ममियों के हाथों में चला गया। बता दें कि नई शराब नीति से पहले 60 फीसद सरकारी, तो 40 फीसद निजी हाथों में शराब की दकानों का नियंत्रण था। दिल्ली सरकार का दावा है कि राजधानी में नई शराब नीति लागू होने के बाद राजस्व में वृद्धि हुई है, लेकिन इस पूरे मामले को लेकर बवाल का सिलसिला तब शुरू हुआ है, जब इसमें बीजेपी  ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाए।

बीजेपी ने क्या आरोप  लगाए

बीजेपी के आरोपों को समझने से पहले आप यह जान लीजिए कि नई शराब नीति से पहले किसी भी कारोबारी को लाइसेंस लेने के लिए 25 लाख रुपए चुकाने होते थे, लेकिन नई शराब नीति के लागू होने के बाद कारोबियों को 5 करोड़ रुपए चुकाने के लिए बाध्य होना पड़ा। दिल्ली सरकार का दावा है कि ऐसा करके राजस्व पाप्तियों में इजाफा हुआ है। सरकार ने इसके लिए तीन तरह की श्रेणिया  बनाई थी, जिसके तहत शराब, बीयर, विदेशी शराब आदि को बेचने के लिए लाइसेंस दिया जाता था। बीजेपी का आरोप है कि ऐसा करके आम आदमी पार्टी ने ऐसा करके अपने मनपसंद कारोबारियों को आर्थिक मोर्चे पर फायदा पहुंचाने की कोशिश की। इतना ही नहीं, सिर्फ अपने मनपसंद कारोबारियों को लाइसेंस दिया गया।

हालांकि, दिल्ली सरकार इन आरोपों को सिरे से खारिज करती हुई आ रही है। बीजेपी का आरोप है कि नई शराब नीति से छोटे कारोबारी को नुकसान हुआ है। सिर्फ बड़े कारोबारियों को ही फायदा पहुंचा है। बीजेपी का दावा है कि नई शराब नीति से रिटेल कारोबारियों को फायदा पहुंचा है। उधर, जैसे ही दिल्ली आबकारी नीति में घोटाला का मामला प्रकाश में  आया तो उपराज्यपाल वीके सक्सेना की अनुशंसा पर दिल्ली के मुख्य सचिव को जांच का निर्देश दिया। दो माह पहले उन्होंने जांच के संदर्भ में रिपोर्ट एलजी को सौंपी है। बहरहाल, अब इस पूरे मामले में जांच के बीच सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया गया है। जिसके बाद आप और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो चुका है। दिल्ली की राजनीति का पारा भी अपने चरम पर पहुंच चुका है। अब ऐसे में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए  आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम