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जानें कौन है देवभूमि का सबसे पसंदीदा मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार, क्या कहता है जनता का मिजाज  

यह सर्वे प्रदेश की 70 विधानसभा सीटों पर जनता के मिजाज को भांपने के बाद तैयार किया गया है। उधर, पुष्कर सिंह धामी के बाद बतौर के मुख्यमंत्री के रूप में हरीश रावत की जनता पसंद हैं। उनके पक्ष में कुल 30 फीसद वोट गए हैं। इस संदर्भ में सियासी पंडितों का कहना है कि उनकी लोकप्रियता में गिरावट की वजह उनकी पार्टी द्वारा उनकी उपेक्षा है।

नई दिल्ली। बेशक देवभूमि उत्तराखंड ने अपनी हाड़ कंपा देने वाली ठंड से सूबे की जनता का हाल बेहाल कर दिया हो, लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव ने सूबे की सर्द भरी फिजाओं की तपिश बढ़ाकर रख दी है। बेशक सभी लोग इस हाड़ कंपा देने वाले  ठंड में अपने आपको घरों में कैद में करने में मशगूल हो, लेकिन सियासी सूरमाओं की पलटन जनता को रिझाने के लिए सड़कों पर निकल चुकी है। बीजेपी हो या कांग्रेस…कांग्रेस हो या आम आदमी पार्टी…सभी दलों के सियासी सूरमा जनता को रिझाने की कोशिश में मसरूफ हो चुके हैं…अब जनता किसे अपने नुमाइंदे के तौर पर चुनेगी..यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन इस बीच कुछ आंकड़ों के जरिए जनता का मिजाज सामने आया है कि  बतौर मुख्यमंत्री के रूप में वे किसे मुख्यमंत्री के रूप में देखना पसंद करती है।

कौन है मुख्यमंत्री पद के लिए जनता की पसंद

तो आपको बताते चलें कि सूबे की 70 विधानसभा सीटों पर जनता की 10 दिसंबर से लेकर 25 जनवरी तक की राय बटोरने के बाद यह जाहिर हुआ कि बतौर  मुख्यमंत्री के रूप में सर्वाधिक पसंद किए जाने वाले पुष्कर सिंह धामी ही हैं। सूबे के लोग उनकी कार्यशैली से प्रभावित होकर उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। चीफ कंसल्टेंट्स स्ट्रैटेजिस्ट्स लिमिटेड (सीसीएसएल) द्वारा चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में 45% अनुमोदन रेटिंग प्रबंधित करने के बाद, धामी मुख्यमंत्री के लिए नंबर 1 पसंद है। उनके निकटतम प्रतियोगी हरीश रावत हैं, जो चुनावी राज्य में कांग्रेस के अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं।

Uttarakhand - CM faces

यह सर्वे प्रदेश की 70 विधानसभा सीटों पर जनता के मिजाज को भांपने के बाद तैयार किया गया है। उधर, पुष्कर सिंह धामी के बाद बतौर मुख्यमंत्री के रूप में हरीश रावत की जनता पसंद हैं।

उनके पक्ष में कुल 30 फीसद वोट गए हैं। इस संदर्भ में सियासी पंडितों का कहना है कि उनकी लोकप्रियता में गिरावट की वजह उनकी पार्टी द्वारा उनकी उपेक्षा है। अगर उनकी उपेक्षा न की गई होती तो वे आज भी सर्वाधिक पसंद किए जाने वाले मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी होते। पुष्कर और रावत के अलावा 7 फीसद वोट अनिल बलूनी के खाते में गए हैं।

सूबे की जनता को कितना रिझा पाई मोदी की कार्यशैली

वहीं, उत्तराखंड की 60 फीसद जनता ने मोदी के कार्यों की सराहना की है, जबकि 15 फीसद लोगों ने बीजेपी सरकार की कार्यशैली को औसत दर्जे का करार दिया है। उधर, 19 फीसद लोगों ने  मोदी सरकार के कार्य की आलोचना भी की है।

पुष्कर सिंह को लेकर क्या सोचती है उत्तराखंड की जनता

वहीं, अगर पुष्कर सिंह धामी को लेकर सूबे की जनता के मिजाज की बात करें, तो उनका मानना है कि अन्य दलों के समक्ष अगर किसी में चुनौतियों का अंबार पैदा करने की क्षमता है, तो वो एकमात्र धामी ही हैं। प्रदेश की 50 फीसद से भी अधिक लोगों का  मानना है कि पुष्कर सिंह धामी प्रदेश की जनता के लिए हितकारी साबित हो सकते हैं। अब आगामी 10 मार्च को नतीजों के दिन ही स्पष्ट हो पाएगा कि जनता का यह मिजाज कितना सार्थक साबित हो पाता है।