newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Emergency By Indira: पीएम पद से इस्तीफा लिख लिया था, लेकिन फिर इंदिरा गांधी ने किसके कहने पर लगाई थी इमरजेंसी? जानिए यहां

इमरजेंसी का एलान होने के साथ ही इंदिरा गांधी ने विपक्षी नेताओं को एक-एक कर जेल में ठूंसना शुरू किया। अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, मधु लिमये, जॉर्ज फर्नांडिस समेत तमाम नेताओं की 25 जून की रात से ही गिरफ्तारी की गई। अखबारों पर सेंसरशिप लागू हुई।

छोटे बेटे संजय गांधी के साथ इंदिरा की फाइल फोटो।

नई दिल्ली। साल था 1975 और तारीख थी 25 जून। उस तारीख को दिन भर लग रहा था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की तरफ से चुनाव रद्द कर देने के बाद तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी पद से इस्तीफा दे देंगी। खबर आ रही थी कि इंदिरा ने इस्तीफा लिख भी लिया है, लेकिन देर रात तक उन्होंने पद से इस्तीफा नहीं दिया। गहराती रात में देश में लोग सो गए। फिर सुबह जब उनकी आंख खुली और अखबार देखे और रेडियो सुना, तो पता चला कि इंदिरा गांधी ने देश में आंतरिक आपातकाल का एलान कर दिया था। आखिर इस्तीफा देने जा रहीं इंदिरा गांधी ने किसके कहने पर इमरजेंसी लगाई, ये आज हम आपको बताने जा रहे हैं।

emergency poster 1

अपनी किताब Truth, Love and a Little Malice में नामचीन संपादक रहे खुशवंत सिंह ने पूरा ब्योरा सिलसिलेवार लिखा है। खुशवंत की गांधी परिवार में अच्छी पैठ थी। उन्होंने किताब में लिखा कि इंदिरा गांधी को पीएम पद से इस्तीफा न देने के लिए पश्चिम बंगाल के तत्कालीन सीएम सिद्धार्थ शंकर राय ने मनाया। खुशवंत के मुताबिक राय ने ही इंदिरा को कहा कि आंतरिक आपातकाल ही एकमात्र उपाय है और फिर देर रात इस बारे में उस वक्त राष्ट्रपति रहे फखरुद्दीन अली अहमद से आदेश पर दस्तखत कराए गए। इस पूरी योजना को इतना गोपनीय रखा गया, कि आदेश जारी होने के बाद अगले दिन कैबिनेट की बैठक में इंदिरा ने मंत्रियों से इस बारे में पिछली तारीख पर दस्तखत लिए थे।

george fernandes emergency

इमरजेंसी का एलान होने के साथ ही इंदिरा गांधी ने विपक्षी नेताओं को एक-एक कर जेल में ठूंसना शुरू किया। अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, मधु लिमये, जॉर्ज फर्नांडिस समेत तमाम नेताओं की 25 जून की रात से ही गिरफ्तारी की गई। अखबारों पर सेंसरशिप लागू हुई। हर खबर को सरकारी तंत्र की नजर से गुजारना जरूरी कर दिया गया। खुशवंत सिंह ने अपनी किताब में लिखा है कि सिर्फ रामनाथ गोयनका के अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने बिना डरे इस सेंसरशिप का मुकाबला किया। नतीजे में संस्थान की बिजली काटी गई। न्यूजप्रिंट का कोटा घटा दिया गया। इस दौरान जबरन नसबंदी के आरोप भी लगे। एक साल से ज्यादा वक्त तक इमरजेंसी लागू रही। इंदिरा के इमरजेंसी लगाने के फैसले को आम तौर पर लोगों ने अखबारों के जरिए जाना।

emergency poster 2

इमरजेंसी लगने के बाद एक कार्टून काफी चर्चा में रहा। इसमें दिखाया गया था कि बाथ टब में लेटे लेटे ही तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने इमरजेंसी के आदेश पर दस्तखत कर दिए थे।

emergency poster 3

मौजूदा पीएम नरेंद्र मोदी ने इमरजेंसी के दौरान गिरफ्तारी से बचने के लिए सिख का वेश धारण कर लिया था। उनकी इस फोटो की अब भी काफी चर्चा होती है।

modi as sikh in emergency

मोदी के अलावा सुब्रहमण्यम स्वामी ने भी इमरजेंसी के दौरान सिख का वेश धारण किया था। सिख वेश में स्वामी की इस फोटो को कम ही लोगों ने देखा है।

subramanyam swami as sikh