राजस्थान। विश्व की नजरें अभी रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध पर है। प्रत्येक देश अपने नागरिकों को वहां से निकालने के लिए त्वरित कार्रवाही कर रहे हैं। युद्ध की वजह से एयरस्पेस को कई जगह बंद कर दिया गया है। इसके अलावा कई एयरपोर्ट पर भी बमबारी की वजह से फ्लाइट में रुकावट आ गयी है। वहां हजारों की संख्या में भारतीय छात्र रहते हैं, जिनकी सुरक्षा के लिए मोदी सरकार अथक प्रयास कर रही है। इस प्रयास की वजह से कल कोटा निवासी 6 छात्र सकुशल कोटा लौट आए हैं। यूक्रेन से 150 से ज्यादा विद्यार्थी भारत आए थे। इनमें 17 राजस्थान के थे और इन 17 में 6 छात्र एक ही साथ संपर्क क्रांति ट्रेन से कोटा पहुंचे। इन सभी विद्यार्थियों को चार्टर विमान के द्वारा यूनिवर्सिटी और दूतावास की मदद से दिल्ली पहुंचाया गया। कोटा पहुंचते ही छात्रों के माता-पिता ने राहत की सांस ली और मोदी सरकार के त्वरित सहयोग को जमकर सराहा और बच्चों की सकुशल वापसी के लिए धन्यवाद दिया।
कोटा पहुंचे विद्यार्थियों ने बताया कि” जब वह निकले थे, तो वहां पर हालात काबू में थे। हालांकि, एडवाइजरी भारतीय दूतावास से पहले ही जारी कर दी गई थी, लेकिन युद्ध जैसे हालात नजर नहीं आ रहे थे, इसलिए उन्होंने क्लासेज छोड़ना उचित नहीं समझा। माता-पिता उन पर बार बार आने का दबाव बना रहे थे, इसलिए वो लौट आये लौटकर जब वो दिल्ली पहुंचे और यूक्रेन में मौजूद अन्य छात्रों मित्रों से बातचीत हुई, तो उनको पता चला कि हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। जगह-जगह बमबारी की आवाजें आ रही है। साथ ही उन्हें यूनिवर्सिटी कैंपस और अपने हॉस्टल से बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है। वह अंतिम चार्टर्ड फ्लाइट थी, जो कि एयरपोर्ट से इंडिया के लिए आई है। इसके बाद में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को यूक्रेन से रोक दिया गया है और युद्ध छिड़ गया है। वो खुशनसीब है कि सही समय पर घर लौट आए। विद्यार्थियों ने बताया कि ” केंद्र सरकार ने समय समय पर एडवाइजरी जारी की थी लेकिन छात्र पढाई की वजह से आना नहीं चाहते थे, क्योंकि ऑफलाइन क्लासेस चालू होने वाली थी।
उधर विद्यार्थियों के परिजन अब निश्चिन्त है, उनके बच्चे इस विकट परिस्थिति में सही समय पर सकुशल घर लौट आये, यह सबसे बड़ा सुकून की बात है। छात्रों के परिजनों का कहना है भारतीय दूतावास से विद्यार्थियों को पूरा सपोर्ट मिल रहा था, इसी वजह से यह सुरक्षित वापसी हो पायी है। कोटा पहुंचने वाले छात्रों में आयुष चतुर्वेदी, विजय कुशवाहा, मूमल वर्मा, आर्यन सुमन, काशिफ खान और संदीप नागर शामिल है। यह सभी यूक्रेन के चेरनि वत्सी यूनिवर्सिटी में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे है। यह लोग 22 फ़रवरी को कीव से विशेष चार्टर फ्लाइट के द्वारा दिल्ली पहुंचे। यूनिवर्सिटी और भारतीय दूतावास ने उनके लिए विशेष चार्टर विमान की व्यवस्था की थी। अधिकतर बच्चे दिसम्बर में ही वहां पढ़ने गए थे।
ओम बिरला ने की मुसीबत में फंसे नागरिको लिए बड़ी पहल
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नई दिल्ली स्थित निवास कार्यालय और संसदीय क्षेत्र कोटा-बूंदी स्थित कैंप कार्यालय में हेल्पलाइन यूक्रेन में फंसे भारतीय विद्यार्थियों और नागरिकों के लिए शुरू की है। एयरस्पेस बंद होने से अनेक भारतीय विद्यार्थी वहां फंस गए हैं। इन विद्यार्थियों तक भारतीय दूतावास के माध्यम से सहायता पहुंचाई जा सके। यह हेल्पलाइन 24 घंटे संचालित होगी.इसमें नई दिल्ली में 011-23014011 व 23014022 तथा कोटा कैंप कार्यालय में 0744-2505555, 9414037200 पर सम्पर्क किया जा सकता है। विद्यार्थी या अभिभावक इन नंबरों पर फोन करके अपने बारे में सूचना दे सकते हैं. पूरी जानकारी मिलने के बाद कीव स्थित भारतीय दूतावास के जरिए उन तक पहुंचने और आवश्यक सहायता पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा।