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Lakhimpur: प्रियंका की रिहाई से राहुल को इजाजत तक, जानिए लखीमपुर में 24 घंटे में क्या-क्या हुआ

Lakhimpur: यूपी के लखीमपुर खीरी में हुई झड़प के बाद से यह मामला सुर्खियों में छाया हुआ है। जिसके बाद से वहां राजनीति गतिविधियां भी देखी जा रही है। कई विपक्षी दलों ने इस घटना को मुद्दा बनाकर यूपी सरकार पर जमकर निशाना साधा।

नई दिल्ली। यूपी के लखीमपुर खीरी में हुई झड़प के बाद से यह मामला सुर्खियों में छाया हुआ है। जिसके बाद से वहां राजनीति गतिविधियां भी देखी जा रही है। कई विपक्षी दलों ने इस घटना को मुद्दा बनाकर यूपी सरकार पर जमकर निशाना साधा। वहीं पिछले 24 घंटों में यहां कई तरह की गतिविधियां देखी गई हैं। राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं ने घटना में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात की। राहुल गांधी के साथ प्रियंका गांधी, छत्तीसगढ़ और पंजाब के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और चरणजीत सिंह चन्नी भी लखीमपुर पहुंचे। सभी नेताओं ने देर रात पीड़ित परिवार से मिले और परिजनों का ढांढस बंधाया। लखीमपुर खीरी जाने की अनुमति देने से इनकार कर रही योगी सरकार ने कल जहां अपने फैसलों में बदलाव किया, तो वहीं हिरासत के बाद गिरफ्तार की गईं प्रियंका गांधी वाड्रा को भी रिहा कर दिया।

लखीमपुर से लखनऊ पहुंचे राहुल

राहुल गांधी का लखीमपुर पहुंचने का पूरा प्लान बनाया था, जिसे लेकर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर अनुमति भी मांगी थी। हालांकि, राज्य सरकार ने मंजूरी देने से इनकार किया था। इसके बावजूद भी राहुल गांधी, भूपेश बघेल व अन्य नेता लखनऊ के लिए दिल्ली से रवाना हुए। जिसके बाद वह लखनऊ आए काफी देर बाद सरकार से इजाजत मिलने के बाद राहुल गांधी लखीमपुर पहुंचे।

प्रियंका गांधी की रिहाई

प्रियंका गांधी को उस समय हिरासत में लिया गया था, जब वह लखनऊ से लखीमपुर के लिए जा रही थीं। जिसके बाद उन्हे सीतापुर हिरासत में 48 घंटे तक गेस्ट हाउस में रखा गया था। जिसके बाद में जब विपक्षी नेताओं को योगी सरकार ने लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत दे दी, तब प्रियंका गांधी को हिरासत से रिहा कर दिया गया।

मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान

लखीमपुर खीरी मामले में अब सुप्रीम कोर्ट ने खुद संज्ञान लिया है, जिसे लेकर आज कोर्ट में सुनवाई की जाएगी। चीफ जस्टिस एनवी रमणा, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ इस मामले में सुनवाई करेगी। दो दिन पहले ही दो वकीलों ने चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिखकर लखीमपुर खीरी में हुई इस घटना की न्यायिक जांच अपनी निगरानी में कराने के आदेश पारित करने की गुहार लगाई थी।