
नई दिल्ली। जो सोचा था वो होते देखा, तो बड़ी खुशी थी, लेकिन जब बीजेपी ने डैमेज कंट्रोल के लिए अपना दांव चला, तो अब पीएम नरेंद्र मोदी के विरोधियों और लिबरल गैंग को जोर का झटका लग गया है। मामला पैगंबर मोहम्मद के बारे में टिप्पणी के बाद इस्लामी देशों की नाराजगी का है। अब इस मामले में बीजेपी के दांव से लिबरल गैंग और मोदी विरोधी विपक्ष किस तरह चित हुआ है, इसकी पूरी स्टोरी यहां जानिए। पैगंबर के बारे में नूपुर शर्मा की टिप्पणी से इस्लामी देश रूठे थे। कतर, ईरान, कुवैत, सऊदी अरब, अफगानिस्तान, मालदीव, यूएई, इंडोनेशिया, मिस्र, पाकिस्तान और बहरीन ने इस मामले में विरोध जताया था। लग रहा था कि ये मुद्दा इस्लामी देशों और भारत के बीच रिश्ते बिगाड़ देगा। इसी उम्मीद में कुछ लोग रहे भी होंगे, क्योंकि सोशल मीडिया पर उनकी टिप्पणी इसकी तस्दीक कर रही थी। बावजूद इसके बाजी पलट गई। सबसे जोरदार विरोध करने वाले कतर ने कहा है कि उसके अमीर जल्दी ही भारत का दौरा करेंगे।
कतर के विदेश मंत्रालय ने मीडिया को बताया कि दोनों देश अपनी दोस्ती को और मजबूत करने पर सहमत हुए हैं। कतर के दौरे पर पहुंचे उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू के दौरे का हवाला देते हुए कहा गया कि हमारे देश के अमीर भारत जाएंगे और इससे संबंध और मजबूत होंगे। विवाद के बारे में पूछे जाने पर ये भी बताया गया कि इसमें और जोड़ने के लिए कुछ भी नया नहीं है। हमने और उन्होंने (भारत ने) जो भी कहा, वो मीडिया में आ चुका है। वहीं, सऊदी अरब जैसे इस्लामी देश और करीबी रिश्ते वाले यूएई, मालदीव और इंडोनेशिया ने जिस तरह सधे हुए शब्दों में नूपुर के बयान की निंदा की है, उससे भी मोदी सरकार के खिलाफ माहौल बना रहे लोगों को निराशा जरूर हाथ लगी होगी।
इस्लामी देशों में नूपुर के बयान पर नाराजगी को देखते हुए पहले बीजेपी ने एक बयान भी जारी किया था। पार्टी के महासचिव अरुण सिंह ने इस बयान में कहा था कि बीजेपी सभी धर्मों का सम्मान करती है। उन्होंने कहा था कि किसी भी धार्मिक शख्सियत के अपमान की भी पार्टी निंदा करती है। इसके बाद मोदी सरकार ने कूटनीति शुरू की और विरोध जताने वाले इस्लामी देशों को भारतीय दूतों ने बताया कि पैगंबर पर की गई टिप्पणी का बीजेपी और सरकार से कोई लेना-देना नहीं है। टिप्पणी करने वालों पर कार्रवाई भी हुई है। ऐसे में विपक्ष को ये सबक मिल गया है कि माहौल बनाने से कुछ नहीं होता और किन्हीं दो देशों के रिश्ते ऐसे मामलों से तुरंत खटाई में नहीं पड़ जाते।