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CM of Rajasthan: उत्तर प्रदेश की तरह राजस्थान की कमान भी संभालेगा भगवाधारी?, जानें कौन हैं योगी 2.0 वर्जन बाबा बालकनाथ

CM of Rajasthan: बालकनाथ अभी 40 साल के हैं और अलवर से लोकसभा सांसद भी हैं। आजतक के एक सर्वे के मुताबिक बाबा बालकनाथ को सबसे ज्यादा लोग राजस्थान का सीएम बनते देखना चाहते हैं। कुछ लोग बाबा बालकनाथ की तुलना सीएम योगी से करते हैं क्योंकि उनका पहनावा, और आध्यात्मिक कार्य एक जैसे हैं।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में पहले से ही योगी आदित्यनाथ की सरकार है, जो राज्य के साथ-साथ गोरखनाथ मन्दिर के महंत बन देश की संस्कृति और अध्यात्म को भी संभाल रहे हैं। यूपी में योगी आदित्यनाथ का जलवा बतौर सीएम 2 बार से देखने को मिला है और राज्य की जनता आगे भी सीएम योगी को ही जीताने वाली है क्योंकि वो सिर्फ नेता ही नहीं बल्कि अध्यात्म को संजोकर रखने वाले शख्स हैं। अब उसी पैटर्न का इस्तेमाल बीजेपी राजस्थान में भी कर सकती है और सनातन धर्म को संभालने वाले बाबा को राजस्थान की बागडोर दे सकती है। हम बात कर रहे हैं राजस्थान से सांसद महंत बालकनाथ की। जो एक बार फिर अपनी सीट पर जीतते दिख रहे हैं।


राजस्थान के योगी हैं बाबा बालक नाथ

फिलहाल के बहुमत को देखते हुए ये कहा जा सकता है कि राजस्थान में बीजेपी का आना तय है लेकिन सवाल ये है कि सीएम कौन होगा। सीएम फेस की रेस में सबसे आगे सांसद महंत बालकनाथ का नाम है। बालकनाथ तिजारा सीट से लड़ते हैं और जीत दर्ज करावते हैं। इस बार भी अपनी सीट से कांग्रेस के इमरान खान को पछाड़ रहे हैं।


बालकनाथ अभी 40 साल के हैं और अलवर से लोकसभा सांसद भी हैं। आजतक के एक सर्वे के मुताबिक बाबा बालकनाथ को सबसे ज्यादा लोग राजस्थान का सीएम बनते देखना चाहते हैं। कुछ लोग बाबा बालकनाथ की तुलना सीएम योगी से करते हैं क्योंकि उनका पहनावा, और आध्यात्मिक कार्य एक जैसे हैं।


बाबा बालक नाथ का निजी जीवन

बाबा बालकनाथ का जन्म 16 अप्रैल 1984 को राजस्थान में हुआ था। वो अलवर के कोहराना गांव के रहने वाले हैं। वो एक किसान परिवार से आते हैं। बालक नाथ अपने परिवार की इकलौती संतान है। पहले से ही उनका परिवार साधु-संतों की सेवा का काम करता आया है। अपने परिवार को देखते हुए बाबा बालकनाथ ने अध्यात्म की राह को चुना और 6 साल की उम्र में महंत खेतानाथ के पास शिक्षा लेने के लिए चले गए। जिसके बाद आगे की शिक्षा महंत चांद नाथ से ली और उन्होंने उन्हें  2016 को अपना उत्तराधिकारी चुना।