नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में पहले से ही योगी आदित्यनाथ की सरकार है, जो राज्य के साथ-साथ गोरखनाथ मन्दिर के महंत बन देश की संस्कृति और अध्यात्म को भी संभाल रहे हैं। यूपी में योगी आदित्यनाथ का जलवा बतौर सीएम 2 बार से देखने को मिला है और राज्य की जनता आगे भी सीएम योगी को ही जीताने वाली है क्योंकि वो सिर्फ नेता ही नहीं बल्कि अध्यात्म को संजोकर रखने वाले शख्स हैं। अब उसी पैटर्न का इस्तेमाल बीजेपी राजस्थान में भी कर सकती है और सनातन धर्म को संभालने वाले बाबा को राजस्थान की बागडोर दे सकती है। हम बात कर रहे हैं राजस्थान से सांसद महंत बालकनाथ की। जो एक बार फिर अपनी सीट पर जीतते दिख रहे हैं।
आज चुनाव मतगणना से पहले मंदिर पहुँच कर भगवान भोलेनाथ के दर्शन किए व पूजा अर्चना करते हुए आशीर्वाद प्राप्त किया। #BJP4Rajasthan #BJP4Tijara pic.twitter.com/xeYl3vQmcD
— Yogi Balaknath (@MahantBalaknath) December 3, 2023
राजस्थान के योगी हैं बाबा बालक नाथ
फिलहाल के बहुमत को देखते हुए ये कहा जा सकता है कि राजस्थान में बीजेपी का आना तय है लेकिन सवाल ये है कि सीएम कौन होगा। सीएम फेस की रेस में सबसे आगे सांसद महंत बालकनाथ का नाम है। बालकनाथ तिजारा सीट से लड़ते हैं और जीत दर्ज करावते हैं। इस बार भी अपनी सीट से कांग्रेस के इमरान खान को पछाड़ रहे हैं।
चुनाव अभियान में ‘विधानसभा तिजारा’ की जनता से प्राप्त हुए अतुल्य स्नेह एवं समर्थन के बाद आज ‘हनुमान मंदिर, जैन मंदिर एवं वाल्मीकि मंदिर’ में श्रद्धापूर्वक प्रभु के दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। pic.twitter.com/kMOVymzpkB
— Yogi Balaknath (@MahantBalaknath) November 26, 2023
बालकनाथ अभी 40 साल के हैं और अलवर से लोकसभा सांसद भी हैं। आजतक के एक सर्वे के मुताबिक बाबा बालकनाथ को सबसे ज्यादा लोग राजस्थान का सीएम बनते देखना चाहते हैं। कुछ लोग बाबा बालकनाथ की तुलना सीएम योगी से करते हैं क्योंकि उनका पहनावा, और आध्यात्मिक कार्य एक जैसे हैं।
26/ 11 ताज होटल मुंबई हमले में शहीद हुए मांँ भारती के वीर सपूतों को नमन करते हुए महान पुण्य आत्माओं को श्रद्धा सुमन अर्पण किए।#NeverForget2611 pic.twitter.com/Qc48ZRsGNc
— Yogi Balaknath (@MahantBalaknath) November 26, 2023
बाबा बालक नाथ का निजी जीवन
बाबा बालकनाथ का जन्म 16 अप्रैल 1984 को राजस्थान में हुआ था। वो अलवर के कोहराना गांव के रहने वाले हैं। वो एक किसान परिवार से आते हैं। बालक नाथ अपने परिवार की इकलौती संतान है। पहले से ही उनका परिवार साधु-संतों की सेवा का काम करता आया है। अपने परिवार को देखते हुए बाबा बालकनाथ ने अध्यात्म की राह को चुना और 6 साल की उम्र में महंत खेतानाथ के पास शिक्षा लेने के लिए चले गए। जिसके बाद आगे की शिक्षा महंत चांद नाथ से ली और उन्होंने उन्हें 2016 को अपना उत्तराधिकारी चुना।