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New President Of Congress: गुजरात से 2024 तक, चुनौतियों के अंबार से कांग्रेस के नए अध्यक्ष पा सकेंगे पार?

आज शाम कांग्रेस को उसका नया अध्यक्ष मिल जाएगा। माना जा रहा है कि शशि थरूर को पटकनी देकर नेहरू-गांधी परिवार के करीबी मल्लिकार्जुन खड़गे इस पद को हासिल कर लेंगे। इस पद को संभालने के साथ ही नए कांग्रेस अध्यक्ष के सामने चुनौतियों का अंबार खड़ा होगा। इनमें चुनाव से लेकर संगठन तक को संभालना शामिल है।

नई दिल्ली। आज शाम कांग्रेस को उसका नया अध्यक्ष मिल जाएगा। माना जा रहा है कि शशि थरूर को पटकनी देकर नेहरू-गांधी परिवार के करीबी मल्लिकार्जुन खड़गे इस पद को हासिल कर लेंगे। इस पद को संभालने के साथ ही नए कांग्रेस अध्यक्ष के सामने चुनौतियों का अंबार खड़ा होगा। इनमें चुनाव से लेकर संगठन तक को संभालने, उसे लड़ने लायक बनाना शामिल है। नए कांग्रेस अध्यक्ष के लिए पहली चुनौती हिमाचल प्रदेश और गुजरात के विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। 27 साल से गुजरात में कांग्रेस की सत्ता नहीं है। बीजेपी ने हिमाचल पर भी पिछली बार कब्जा कर लिया था। इन दोनों राज्यों में कांग्रेस को जिताना सबसे पहला टास्क होगा।

congress flag

इसके बाद अगले साल यानी 2023 में नए कांग्रेस अध्यक्ष की चुनौती में और इजाफा होगा। राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों के चुनाव होंगे। कांग्रेस के अध्यक्ष को एक बार फिर राजस्थान और छत्तीसगढ़ में अपनी पार्टी की सरकार रिपीट कराने की जिम्मेदारी तो होगी ही, मध्यप्रदेश से बीजेपी की सत्ता को उखाड़ फेंक अपना दमखम दिखाना होगा। कुल मिलाकर गुजरात, हिमाचल, राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के चुनाव कांग्रेस के नए अध्यक्ष के लिए लिटमस टेस्ट साबित होने जा रहे हैं। अगर यहां वो सफल रहे, तो ठीक। वरना पार्टी में उनके खिलाफ आवाजें उठनी तय हैं। इसके बाद 2024 का लोकसभा चुनाव आएगा। जहां पीएम नरेंद्र मोदी की छवि के खिलाफ कांग्रेस को जीत दिलाना पार्टी के नए अध्यक्ष की सबसे बड़ी चुनौती होगी।

priyanka rahul sonia gandhi

कांग्रेस के नए अध्यक्ष को एक और बड़ी चुनौती का सामना करना है। कांग्रेस में गुटबाजी लंबे समय से हावी है। नेता एक-दूसरे के पर कतरने की कोशिश में जुटे रहते हैं। गांधी परिवार के अध्यक्ष भी इस गुटबाजी को खत्म नहीं कर सके। इससे निपटने के अलावा कांग्रेस के नए अध्यक्ष को ब्लॉक और गांव के स्तर पर पार्टी का बेस फिर से तैयार करने, उसके कार्यकर्ताओं में जोश भरने और नए कार्यकर्ताओं की भर्ती का काम भी करना होगा। ये काम मुश्किल भले न हो, लेकिन आसान भी नहीं है।