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Revelation: लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट से पहले इस बड़े नेता की रैली को बनाया जाना था निशाना !

लुधियाना कोर्ट में हुए धमाके के मामले में जर्मनी में आतंकी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस के सदस्य जसविंदर सिंह को वहां की पुलिस ने कोर्ट में पेश किया था। भारत की नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी NIA ने जसविंदर के खिलाफ केस भी दर्ज किया है। सूत्रों के मुताबिक जसविंदर को जर्मनी के कोर्ट ने जेल नहीं भेजा था।

चंडीगढ़। लुधियाना कोर्ट में ब्लास्ट के बारे में ताजा जानकारी आई है। इस धमाके को करने वाला आरोपी गगनदीप सिंह 4 दिसंबर 2021 को पंजाब के खन्ना में अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल की रैली में भी नजर आया था। अब पुलिस ये पता लगा रही है कि उसका इरादा कहीं वहां तो धमाका करने का नहीं था। गगनदीप पहले पुलिस में था। उसके साथ तैनात रही कमलजीत कौर की ड्यूटी भी इसी रैली में लगी थी। पुलिस के मुताबिक गगनदीप रैली स्थल के मेन गेट पर दिखा था। लुधियाना के कोर्ट में ब्लास्ट में गगनदीप मारा गया था। इस बम विस्फोट में 5 लोग घायल हुए थे। धमाका कोर्ट के रिकॉर्ड रूम के पास एक टॉयलेट में हुआ था।

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लुधियाना कोर्ट में हुए धमाके के मामले में जर्मनी में आतंकी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस के सदस्य जसविंदर सिंह को वहां की पुलिस ने कोर्ट में पेश किया था। भारत की नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी NIA ने जसविंदर के खिलाफ केस भी दर्ज किया है। सूत्रों के मुताबिक जसविंदर को जर्मनी के कोर्ट ने जेल नहीं भेजा था। एनआईए अब उसका प्रत्यर्पण कराने की तैयारी में जुटी है। पंजाब पुलिस ने पहले ही दावा किया था कि लुधियाना ब्लास्ट मामले में खालिस्तानी आतंकियों की साजिश है। पुलिस ने ये भी कहा था कि पाकिस्तान की शह पर आतंकी घटनाएं कराने की कोशिश पंजाब में फिर की जा रही हैं।

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बता दें कि 80 के दशक में पंजाब आतंकवाद की आग में झुलसा था। अलग खालिस्तान देश की मांग को पाकिस्तान ने बढ़ावा और समर्थन दिया था। उसने आतंकियों को हथियार भी सप्लाई किए थे। आतंकियों ने दैनिक पंजाब केसरी के मालिक जगत नारायण और सीएम रहे बेअंत सिंह तक की हत्या की थी। उन्होंने भिंडरावाले के नेतृत्व में श्री हरिमंदिर साहिब पर भी कब्जा कर लिया था। जिसके बाद तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी को वहां सैन्य कार्रवाई का आदेश देना पड़ा था। सैन्य कार्रवाई के वक्त सेना प्रमुख रहे जनरल एएस वैद्य और खुद पीएम इंदिरा गांधी को भी आतंकियों की गोलियों का शिकार बनना पड़ा था।