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फ्लोर टेस्ट से पहले कांग्रेस ने मानी हार, दिग्विजय सिंह ने किया खुलासा

मध्य प्रदेश में फ्लोर टेस्ट से पहले कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सरेंडर कर दिया है। उन्होंने कहा कि 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद हमारे पास बहुमत का आंकड़ा मौजूद ही नहीं है।

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में सियासी संकट लगातार जारी है। सुप्रीम कोर्ट ने आज (20 मार्च ) शाम 5 तक मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार को फ्लोर टेस्ट का समय दिया है। संकट में घिरी कमलनाथ सरकार जहां बहुमत के आंकड़ों में उलझी हुई है तो वहीं फ्लोर टेस्ट से पहले कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सरेंडर कर दिया है। उन्होंने कहा कि 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद हमारे पास बहुमत का आंकड़ा मौजूद ही नहीं है।

Digvijay Singh

वहीं, कमलनाथ के मंत्री पीसी शर्मा ने दावा किया है कि हमारे पास बहुमत का आंकड़ा अब भी मौजूद है और फ्लोर टेस्ट में हम इस बात को साबित भी करके दिखा देंगे। पीसी शर्मा ने कहा कि हम फॉर्मूला 5 के जरिए कमलनाथ सरकार को बचा पाएंगे।

बता दें कि मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार में मंत्री पीसी शर्मा ने दावा किया कि कांग्रेस के पास इस समय 105 विधायक हैं। साथ ही उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ बीजेपी विधायक भी हमारे संपर्क में हैं। उन्होंने कहा आज शाम को हम फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करेंगे। वो बोले ”पैसे और पावर के दम पर विधायकों को बंधक बनाने के घटनाक्रम को लेकर मुख्यमंत्री इसका खुलासा करेंगे।”

Digvijay Singh 3

वहीं दिग्विजय सिंह ने कहा कि 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद कमलनाथ सरकार के पास जरूरी आंकड़ा मौजूद नहीं है। भाजपा पर आरोप लगते हुए उन्होंने कहा ”पैसे और सत्ता के बल पर बहुमत वाली सरकार को अल्पमत में लाया गया है। अब सरकार को बचा पाना बेहद मुश्किल है।”

गौरतलब है कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बागी विधायकों को मनाने के लिए अपनी पूरी ताकत झौंक दी थी और वो इसके लिए बेंगलुरु तक भी पहुंच गए थे। मगर इतना सब कुछ करने के बावजूद भी वो मध्यप्रदेश कांग्रेस के बागी विधायकों को मनाने में सफल नहीं हो सके।

Kamalnath and Digvijay Singh

आपको बता दें कि इसी राजनीतिक गर्मागर्मी के बीच मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने गुरुवार को देर रात कांग्रेस के 16 बागी विधायकों के इस्तीफे मंजूर कर लिए। इसके अलावा इन सभी विधायकों के से पहले छह अन्य विधायकों का इस्तीफा भी मंजूर किया जा चुका है। इस प्रकार से अबतक कुल 22 विधायकों का इस्तीफा मंजूर हो चुका है। जिसके बाद मध्य प्रदेश की सरकार संकट में घिर गयी है।