
भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है। मध्यप्रदेश विधानसभा के अब तक के रुझानों में साफ हो गया है कि जनता ने कांग्रेस को पूरी तरह नकार दिया है। बीजेपी ने पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रचंड जीत का परचम लहरा दिया है। इसके साथ ही ये भी साफ हो गया है कि मध्यप्रदेश की जनता ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ की तरफ से मुफ्त योजनाओं के वादों को पूरी तरह नकार दिया है। मध्यप्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 114 सीटें हासिल कर सरकार बनाई थी। 15 महीने ही सरकार चली थी कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पाला बदलकर बीजेपी का दामन थाम लिया। इसके बाद सिंधिया समर्थक 22 विधायक भी बीजेपी में चले गए थे और कमलनाथ की सरकार गिर गई थी।
बीजेपी ने इस बार चुनाव में लगातार दावा किया कि वो मध्यप्रदेश को बड़े और प्रचंड बहुमत से जीतेगी। अपना ये दावा बीजेपी ने पूरा कर दिखाया है। इस जीत के पीछे पीएम मोदी का कांग्रेस के परिवारवाद और भ्रष्टाचार पर प्रहार और सीएम शिवराज सिंह चौहान की तरफ से लाडली बहना और कम कीमत पर रसोई गैस सिलेंडर के अलावा कुछ और जनउपयोगी योजनाओं को लागू करना रहा है। पीएम मोदी ने मध्यप्रदेश की हर जनसभा में कहा कि मोदी का एलान ही योजना को पूरा करने की गारंटी है। मोदी के इसी वादे पर मध्यप्रदेश की जनता ने अपना सकारात्मक रवैया दिखाया है। मध्यप्रदेश की जनता ने इसके साथ ही अगले 5 साल के लिए बीजेपी को फिर से सत्ता सौंपने का मन बना लिया था, ये वोटों की गिनती से आए आंकड़ों से साफ हो गया है।
मध्यप्रदेश के इन नतीजों ने कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत तमाम नेताओं को जरूर निराश किया होगा। कर्नाटक के बाद राहुल गांधी और कांग्रेस के नेताओं को लग रहा था कि भ्रष्टाचार का आरोप शिवराज सिंह की सरकार के लिए दिक्कत का सबब बनेगा, वो गलत साबित हुआ है। राहुल गांधी और कमलनाथ की तरफ से जिन योजनाओं को लागू करने का वादा किया गया था, उसे भी मानने से जनता ने मना कर दिया है। इससे लोकसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल माने जा रहे 5 राज्यों के चुनाव में कांग्रेस के लिए दिक्कत पैदा हुई है। विपक्ष ने जो गठबंधन किया है, उसमें भी अब कांग्रेस की स्थिति कमजोर होने के पूरे आसार हैं।