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BAPS के महामहोपाध्याय भद्रेशदास स्वामी ने G20 के धार्मिक मंच पर आए प्रतिनिधियों को किया संबोधित, जानिए उनके संबोधन की मुख्य बातें

भद्रेशदास स्वामी ने वेदों, उपनिषदों, भगवद् गीता, भगवान स्वामीनारायण के कालातीत ज्ञान की ओर विद्वान प्रतिनिधियों का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने ‘धर्म’ की अधिक सार्वभौमिक परिभाषा का भी आह्वान किया और प्रेम, मित्रता, सम्मान, शांति और करुणा जैसे कई सार्वभौमिक धार्मिक मूल्यों को उजागर किया।

नई दिल्ली। बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) के महामहोपाध्याय भद्रेशदास स्वामी ने इंडोनेशिया में 400 से ज्यादा सम्मानित प्रतिनिधियों को संबोधित किया। यह सभी प्रतिनिधि ‘आर 20’ समिट में शामिल होने के लिए आमंत्रित किए गए थे। भद्रेशदास स्वामी ने अन्य हिंदू नेताओं संग इंडोनेशिया के बाली में विशाल जनसभा को विगत 2 और 3 नवंबर को संबोधित किया था। यह सर्वविदित है कि 21वीं सदी की वैश्विक चुनौतियों के बारे में समाधान निकालने और चिंतन-मंथन करने के ध्येय से आर 20 समिट ने एक नई पहल है, जिसके तहत जी-20 समूह में शामिल राष्ट्रों के धार्मिक अगुवों को एक मंच पर लाने की कवायद शुरू की गई है।

R20 Summit

वहीं, भद्रेशदास स्वामी ने दर्शकों को अपने ज्ञानवर्धक भाषण से मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने प्रमुख स्वामी महाराज को श्रद्धांजलि देने के बाद अपने भाषण की शुरुआत की। उन्होंने अपने भाषण में वैश्विक सद्भाव के संदेश को रेखांकित किया। इसके साथ ही उन्होंने इंडोनेशिया के आदर्श वाक्य का हवाला देते हुए दोहराया कि “हां, हम अलग हैं। फिर भी हम एक हैं। एक मानव जाति। एक घर का एक परिवार। जैसा कि प्राचीन ऋग्वेद घोषणा करता है: यात्रा विश्वं भवति एक नाम।

R20 Summit

इसके अलावा भद्रेशदास स्वामी ने वेदों, उपनिषदों, भगवद् गीता, भगवान स्वामीनारायण के कालातीत ज्ञान की ओर विद्वान प्रतिनिधियों का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने ‘धर्म’ की अधिक सार्वभौमिक परिभाषा का भी आह्वान किया और प्रेम, मित्रता, सम्मान, शांति और करुणा जैसे कई सार्वभौमिक धार्मिक मूल्यों को उजागर किया। इससे पहले, महामहिम और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति, जोको विडोडो ने R20 शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया और धार्मिक हस्तियों और धार्मिक नेताओं की विस्तृत श्रृंखला का स्वागत किया।

R20 Summit

इसके साथ ही स्वामी गोविंद देव गिरि महाराज, श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष और अखिल भारतीय चिन्मय युवा केंद्र के निदेशक स्वामी मित्रानंद सरस्वती दो अन्य विशिष्ट अतिथि थे, जिन्होंने R20 शिखर सम्मेलन में धार्मिक सद्भाव और सनातन हिंदू धर्म के बारे में भी बात की थी। भद्रेशदास स्वामी को शो के मुख्य आयोजकों के साथ-साथ कार्यक्रम में शामिल होने वाले मुस्लिम संगठनों से प्रशंसा के शब्द मिले।

R20 Summit

दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम संगठन के अध्यक्ष क्याई हाजी याह्या चोलिल स्टाकफ ने भी शिखर सम्मेलन में अत्यधिक व्यावहारिक योगदान के लिए भद्रेशदास स्वामी और भारत के अन्य हिंदू नेताओं का आभार व्यक्त किया। वहीं, अगला आर 20 शिखर सम्मेलन 2023 में नई दिल्ली में होगा।