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Maratha Reservation: कोरोना महामारी के बीच आरक्षण की मांग, सड़कों पर उतरे हजारों लोग, खूब उड़ीं नियमों की धज्जियां

Maratha Reservation Rally: प्रदर्शनकारियों को चेताते हुए मराठा आरक्षण पर विधायक विनायक मोटे ने कहा कि, हाथ जोड़ने से और चिट्ठी लिखकर आरक्षण नहीं मिलेगा।

नई दिल्ली। कोरोना संकट में हर राज्य अपने यहां कोरोना प्रोटोकॉल लागू करवाने के लिए सख्त आदेश जारी कर चुके हैं। खासकर महाराष्ट्र में कोरोना के चलते जो हालात बने, वो बड़ी मुश्किल से काबू में आए हैं। हालांकि कोरोना वायरस का डर अभी बना हुआ है, क्योंकि बीमारी अभी खत्म नहीं हुई है, बल्कि कम हुई है। ऐसे में मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र के बीड में शनिवार को सारे नियमों की धज्जियां उड़ती देखी गई। बता दें कि शनिवार को बीड में हजारों लोगों ने विरोध मार्च निकाला। बता दें कि इस रैली का नेतृत्व विधायक और शिव संग्राम पार्टी के मुखिया विनायक मोटे ने किया था। रैली में कोरोना महामारी के प्रति कोई सजगता नहीं देखने को मिली। जबिक महाराष्ट्र देश में कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित रहा। दरअसल नियमों को ताक पर रखकर हजारों लोग रैली (Corona Rules Break In Reservation Rally) में शामिल होकर छत्रपति शिवाजी महाराज जिला खेल परिसर से डीएम ऑफिस तक पहुंचे।

हैरानी सिर्फ यहीं तक नहीं है, आपको बता दें कि इस रैली के मंजूरी भी नहीं ली गई थी। बिना मंजूरी के ही हजारों की तादाद में लोग रैली का हिस्सा बने। डीएम कार्यालय के बाहर जमा लोगों को ना तो कोरोना संक्रमण का डर दिखा और ना ही कोई सोशल डिस्टेंसिंग।

CM Uddhav

बता दें कि प्रदर्शनकारियों को चेताते हुए मराठा आरक्षण पर विधायक विनायक मोटे ने कहा कि, हाथ जोड़ने से और चिट्ठी लिखकर आरक्षण नहीं मिलेगा। उन्होंने उद्धव सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि महाविकास अघाड़ी सरकार के मन में पाप है, उसका इरादा ही नहीं है कि वह मराठा समुदाय को आरक्षण दे। उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण रद्द करने के लिए अशोक चव्हाण के साथ ही उद्धव ठाकरे भी जिम्मेदार हैं. कानूनी कोशिशों के जरिए ही रिजर्वेशन मिल सकेगा।