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महाराष्ट्र की महा विकास आघाडी सरकार ने पूरा किया एक साल, कुछ ऐसे चली सरकार

Maharashtra Government: शिवसेना(Shivsena) प्रमुख उद्धव ठाकरे(Uddhav Thackarey) की अगुवाई में महाराष्ट्र सरकार के एक साल पूरे हो गए हैं। इस दौरान बीजेपी और शिवसेना हिंदुत्व को लेकर एक-दूसरे पर लगातार हमले करते रहे।

नई दिल्ली। महाराष्‍‍‍‍ट्र में महा विकास आघाडी सरकार (Maha Vikas Aghadi) ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की अगुवाई में एक साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। इस समय में उद्धव ठाकरे को आंतरिक विरोधाभासों का भी सामना करना पड़ा। इसके बावजूद एमवीए को बेहतर रखने के साथ ही विपक्षी दलों की सोच को उन्होंने गलत साबित कर दिया है। महाराष्ट्र सरकार का कार्यभार संभालने के बाद उद्धव ठाकरे नौकरशाही की दुनिया के प्रति अपेक्षाकृत कम असरकारी थे। हालांकि बाद में वह नौकरशाही में अपने राजनीतिक प्रबंधन कौशल और शांत व्यवहार के चलते आगे बढ़े। बीजेपी लगातार महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार को लेकर दावा कर रही है कि दो-तीन महीने में महा विकास आघाडी सरकार अपने अंतर्विरोधों के कारण गिर जाएगी। लेकिन ऐसे में उद्धव ठाकरे ने गठबंधन सरकार की एकजुटता दिखाकर बीजेपी को हताश कर दिया है। उद्धव की माने तो वे (बीजेपी) अपने विधायकों को एकजुट रखने के लिए सरकार गिरने की तारीख पर तारीख इसलिए घोषित करते हैं।

CM Uddhav Thackeray

वहीं भाजपा लगातार उद्धव सरकार को घेरने की कोशिश करती रही है, इस एक साल में। बता दें कि पूजा स्थलों को फिर से खोलने के सवाल पर बीजेपी ने हिंदुत्व कार्ड खेलकर उद्धव ठाकरे को उकसाया। हालांकि सीएम ने जवाबी हमला किया और अपने दशहरा भाषण में एनसीपी- कांग्रेस के सहयोग के साथ हिंदुत्व के प्रति शिवसेना की प्रतिबद्धता की बात की। उन्होंने मंदिरों को बंद रखने के मुद्दे पर अडिग रहने की बात कही और वैज्ञानिक तरीके से महामारी से निपटने के प्रयासों की ओर इशारा किया।

Uddhav Thackrey

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की अगुवाई में महाराष्ट्र सरकार के एक साल पूरे हो गए हैं। इस दौरान बीजेपी और शिवसेना हिंदुत्व को लेकर एक-दूसरे पर लगातार हमले करते रहे। इस पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का कहना है कि बीजेपी के साथ लंबे समय तक हमने गठबंधन किया, लेकिन हमने कभी संस्कृति के विरुद्ध जाकर राजनीति नहीं की। बीजेपी ने शिवसेना के साथ जो किया वह संस्कृति के अनुरूप नहीं है। हिंदुत्व के मुद्दे पर हम आज भी उतने ही प्रखर हैं, लेकिन बीजेपी जिस तरह से राजनीति कर रही है वह स्वीकार्य नहीं है। बीजेपी की राजनीति एक विकृति है, ऐसी विकृति के साथ युति नहीं हो सकती थी।