नई दिल्ली। महाराष्ट्र के ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने विधानसभा चुनाव में विपक्ष के महाविकास अघाड़ी गठबंधन (एमवीए) को समर्थन देने के लिए अपनी शर्तें तय की हैं। उलेमा बोर्ड की तरफ से 17 मांगों वाला एक पत्र शिवसेना यूबीटी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, एनसीपी (एससीपी) प्रमुख शरद पवार और महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले को भेजा गया है। उलेमा बोर्ड ने महाविकास अघाड़ी में शामिल तीनों पार्टियों को भेजे पत्र में मुख्य रूप से मुस्लिमों के आरक्षण की मांग की गई है। इसके साथ ही मुस्लिमों को जमीन देने के लिए सर्वे कराने की मांग भी रखी गई है।
Mumbai: Maharashtra’s All India Ulema Board has set conditions for supporting the MVA.
The Ulema Board sent a letter to Uddhav Thackeray, Sharad Pawar, and Nana Patole with 17 demands. pic.twitter.com/l1fARUUWqY
— IANS (@ians_india) November 9, 2024
चुनाव में 50 फीसदी टिकट मुस्लिम उम्मीदवारों को देने की मांग भी पत्र में है। पत्र में वक्फ संशोधन बिल का विरोध करने की भी मांग रखी गई है। महाराष्ट्र में मस्जिदों के इमाम और मौलानाओं को हर महीने 15000 रुपये देने की मांग भी एमवीए से की गई है। हालांकि इस पत्र के संबंध में अभी तक महाविकास अघाड़ी की तरफ से कोई भी बयान नहीं आया है। अब देखना यह है कि क्या एमवीए ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड का समर्थन लेने के लिए उसकी इन शर्तों को मानता है या नहीं। संभावना यह भी जताई जा रही है कि उलेमा बोर्ड की कुछ शर्तों पर एमवीए रजामंदी दे दे और उलेमा बोर्ड उनके समर्थन को राजी हो जाए।
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में सभी 288 विधानसभा सीटों पर एक चरण में इसी महीने 20 नवम्बर को मतदान होना है। महाराष्ट्र में एक तरफ सत्तासीन महायुति गठबंधन जिसमें बीजेपी, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी शामिल है की टक्कर विपक्ष के महाविकास अघाड़ी गठबंधन से है। सत्ता पक्ष जहां फिर से सरकार बनाने को लेकर आश्वास्त है वहीं विपक्ष अपनी जीत के दावे कर रहा है। हालांकि जनता किसके सिर पर ताज रखेगी और महायुति या महाविकास अघाड़ी में कौन महाराष्ट्र की सरकार चलाएगा इसका फैसला तो चुनाव के नतीजों के ऐलान के दिन 23 नवम्बर को ही होगा।