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Blow For Congress: कांग्रेस को झटके पर झटका, इन दो नेताओं की वजह से सोनिया और राहुल की किरकिरी

Blow For Congress: आज का दिन कांग्रेस के लिए झटके पर झटका लेकर आया है। दो नेताओं ने कांग्रेस आलाकमान यानी सोनिया गांधी और राहुल गांधी की किरकिरी करा दी है। इनमें से एक नेता हैं टीएमसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और दूसरे नेता हैं कीर्ति आजाद। कीर्ति आजाद पहले बीजेपी के सांसद रहे और बाद में कांग्रेस में चले गए।

नई दिल्ली। आज का दिन कांग्रेस के लिए झटके पर झटका लेकर आया है। दो नेताओं ने कांग्रेस आलाकमान यानी सोनिया गांधी और राहुल गांधी की किरकिरी करा दी है। इनमें से एक नेता हैं टीएमसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और दूसरे नेता हैं कीर्ति आजाद। कीर्ति आजाद पहले बीजेपी के सांसद रहे और बाद में कांग्रेस में चले गए। वहीं, ममता भी कभी कांग्रेस में थीं और उससे टूटकर टीएमसी बनाया और बंगाल पर राज करने लगीं। बहरहाल, अब आपको बताते हैं कि किस तरह ममता और कीर्ति आजाद ने कांग्रेस को झटका दिया है। ममता के बारे में पहले खबर आई थी कि वो आज दिल्ली में कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकती हैं, लेकिन अब जानकारी ये मिली है कि ममता ने तो सोनिया से मिलने का वक्त तक नहीं मांगा है।

rahul-sonia

बता दें कि पहले जब भी ममता बनर्जी दिल्ली आती थीं, तो वो सोनिया से मुलाकात जरूर करती थीं। ममता के बाद अब बात कीर्ति आजाद दी। खबर ये है कि कीर्ति आजाद आज कांग्रेस का हाथ छोड़कर ममता की टीएमसी का दामन थाम सकते हैं। कीर्ति आजाद के पिता भागवत झा आजाद केंद्र में मंत्री रहे थे।
कांग्रेस में पिछले कुछ समय से नाराज नेताओं की झड़ी सी लगी है। बीते दिनों यूपी के कद्दावर नेता ललितेश पति त्रिपाठी और उनके पिता ने टीएमसी का दामन थामा था। पार्टी की ही यूपी से विधायक अदिति सिंह भी नाराज हैं और योगी के साथ काम करना चाहती हैं। उन्होंने कई बार योगी की तारीफ की है और प्रियंका गांधी के कदमों को पार्टी का अहित करने वाला बताया है।

Rahul Gandhi Congress

कांग्रेस से ही ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद ने भी बाय-बाय किया था। ज्योतिरादित्य अभी केंद्र में तो जितिन प्रसाद यूपी की योगी सरकार में मंत्री हैं। कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल और कई अन्य नेताओं ने सामूहिक रूप से चिट्ठी लिखकर कांग्रेस आलाकमान के तौर-तरीकों और नया अध्यक्ष न चुनने पर सवाल उठाए थे। इसके बाद बीते दिनों सोनिया ने बैठक की थी और तय हुआ था कि 2022 के अक्टूबर तक कांग्रेस को नया अध्यक्ष मिल जाएगा।