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Mamata In Delhi: विपक्ष की एकता के अभियान में फिर जुटीं ममता, आज इनसे करेंगी मुलाकात

दिल्ली दौरे के बारे में ममता बनर्जी ने कहा कि मैं अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलूंगी। बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र के विस्तार का मुद्दा उठाऊंगी।

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की सीएम और तृणमूल कांग्रेस TMC की सुप्रीमो ममता बनर्जी एक बार फिर दिल्ली के दौरे पर हैं। ममता बनर्जी दिल्ली में विपक्षी एकता के अभियान के तहत पहुंची हैं। इसके साथ ही उनका पीएम नरेंद्र मोदी से भी मिलने का प्रोग्राम है। संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ठीक पहले ममता बनर्जी कोशिश में हैं कि संसद में विपक्षी दल एकजुट होकर मोदी सरकार को घेर सके। इसी कोशिश के तहत ममता आज कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर सकती हैं। ममता बनर्जी कल यानी सोमवार शाम को दिल्ली पहुंची थीं। रविवार को त्रिपुरा में टीएमसी यूथ ब्रिगेड अध्यक्ष शायोनी घोष को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके विरोध में टीएमसी के 16 सांसदों ने पहले गृह मंत्रालय के सामने धरना दिया था और शाम को गृहमंत्री अमित शाह से मिलकर विरोध जताया था। टीएमसी ने त्रिपुरा के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में भी अवमानना अर्जी दी है। इसपर कोर्ट आज सुनवाई कर सकता है। बता दें कि टीएमसी कार्यकर्ताओं ने त्रिपुरा में अपने ऊपर हमले का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि त्रिपुरा के अगरतला स्थित एक पुलिस स्टेशन में घुसकर बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने उन्हें जमकर पीटा।

Sonia-Mamata

बहरहाल, ममता बनर्जी का सोनिया गांधी से मिलने के अलावा पीएम नरेंद्र मोदी से भी मिलने का प्रोग्राम है। दिल्ली दौरे के बारे में ममता बनर्जी ने कहा कि मैं अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलूंगी। बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र के विस्तार का मुद्दा उठाऊंगी। ममता बनर्जी 25 नवंबर को कोलकाता लौट जाएंगी। लेकिन उससे पहले वह विपक्षी एकता की धार को और तेज करने की पूरी कोशिश में जुटी हैं।

Narendra Modi And Mamata

संसद सत्र से पहले ममता बनर्जी का दिल्ली दौरा बेहद अहम माना जा रहा है। तीन कृषि कानूनों की वापसी के बाद वह बीएसएफ के अधिकारों में बढ़ोतरी समेत कई मुद्दों पर सरकार की घेराबंदी के लिए विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश कर रही हैं। कृषि कानूनों की वापसी के पीएम मोदी के एलान के बाद विपक्ष को एक बार फिर से संसद में सरकार की घेराबंदी करने का मुद्दा मिल ही गया है।