नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में सियासी तूफान अपने चरम पर है। प्रदेश की नंदीग्राम सीट वीवीआईपी हो गई है। यहां भाजपा और टीएमसी आमने-सामने है। दोनों के लिए यह सीट नाक का सवाल बन गई है। इस सीट से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी की मुखिया ममता बनर्जी चुनाव लड़ रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा ने इस सीट पर ममता के सबसे चहेते और टीएमसी का दामन छोड़कर भाजपा में आए नंदीग्राम से विधायक सुवेंदु अधिकारी को ममता के खिलाफ ताल ठोंकने के लिए मैदान में उतार दिया है। इस सब के बीच ममता बनर्जी के नामांकन वाले दिन जो हाईवोल्टेज ड्रामा हुआ वह किसी से छुपा नहीं है। नंदीग्राम में जब ममता बनर्जी का काफिला गुजर रहा था तो उन्हें चोट आ गई। इसे ममता ने साजिश बताया उनकी बाईं पैर में फ्रैक्टर हो गया है। वहीं ममता ने इस अपने ऊपर हमला करार दिया।
इस पर भाजपा और टीएमसी के बीच सियासी बयानबाजी तेज हो गई। आखिर में दोनों पार्टियों ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया और फिर चुनाव आयोग की तरफ से इस पूरे मामले पर राज्य प्रशासन से रिपोर्ट तलब की गई। वहीं चुनाव आयोग की तरफ से स्पेशल ऑब्जर्वर विवके दुबे और अजय नायक को भी इस मामले पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया।
पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव ने इसको लेकर चुनाव आयोग को अपनी रिपोर्ट भी सौंपी जिससे आयोग खासा नाराज दिखा। नाराजगी जताते हुए चुनाव आयोग ने अब उनसे विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। लेकिन इस सब के बीच स्पेशल ऑब्जर्वर विवके दुबे और अजय नायक ने जो रिपोर्ट सौंपी है उसकी मानें तो ममता की चोट हादसा थी ना कि उनपर कोई हमला हुआ था। अपनी रिपोर्ट में पर्यवेक्षकों ने बताया है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम में एक दुर्घटना के चलते घायल हुई हैं। साथ ही रिपोर्ट में लिखा गया है कि नंदीग्राम में ममता बनर्जी ममता के काफिले पर हमले का कोई सबूत नहीं है। इसके साथ ही इस बात का भी जिक्र है कि घटतना के समय मुख्यमंत्री के साथ पर्याप्त सुरक्षा थी और वे उनसे घिरीं हुई थीं।
इससे पहले आयोग ने मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय की रिपोर्ट को ‘अधूरी’ करार देते हुए उसकी और डीटेल रिपोर्ट देने को कहा है। चुनाव अधिकारी ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट अधूरी लग रही है और इसमें घटना के बारे में विस्तार से ब्यौरा नहीं है, जैसे घटना किस तरह हुई और इसके पीछे कौन हो सकता है? हमने राज्य प्रशासन से और ब्यौरा तलब किया है।’ इस रिपोर्ट में उन 4-5 लोगों का कोई जिक्र नहीं है जिनका जिक्र ममता बनर्जी ने घटना के वक्त हमलावर के तौर पर किया था।