मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा ने मराठा समाज को 10 फीसदी आरक्षण देने का बिल पास कर दिया है। मराठा समाज को आरक्षण देने संबंधी बिल को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर सीएम एकनाथ शिंदे ने रखा था। महाराष्ट्र में पिछले काफी समय से मराठा समाज को आरक्षण देने की मांग ने जोर पकड़ रखा था। मराठा समाज को आरक्षण देने की मांग करने वाले नेता मनोज जरांगे पाटिल ने इस मुद्दे पर कई बार आमरण अनशन भी किया। पिछली बार जब मनोज जरांगे पाटिल ने आमरण अनशन किया था, तब सीएम एकनाथ शिंदे ने मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए बिल लाने का एलान किया था। अब इस बिल पर गवर्नर के दस्तखत होते ही कानून लागू हो जाएगा।
मराठा समाज को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण दिए जाने का बिल पास हुआ है। हालांकि, इस बिल के खिलाफ आवाजें भी उठ चुकी हैं। शिंदे सरकार में शामिल छगन भुजबल ये कह चुके थे कि अगर पिछड़ी जाति के आरक्षण में से मराठा समाज को आरक्षण दिया गया, तो वो सरकार से इस्तीफा दे देंगे। इसके अलावा अब ये भी देखना है कि कहीं कोई इस आरक्षण के खिलाफ कोर्ट चला गया, तो वहां से रोक न लग जाए। हालांकि, पिछले दिनों जब बिहार सरकार ने पिछड़ी जाति का आरक्षण बढ़ाया था, तो कोर्ट ने उसे मंजूरी दे दी थी।
मराठा आरक्षण बिल पास कराना शिंदे सरकार के लिए इस वजह से जरूरी भी हो गया था कि अब लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। महाराष्ट्र में मराठा समुदाय की संख्या काफी है। अगर ये कानून शिंदे सरकार न बनाती, तो इसका खामियाजा चुनाव में उनकी शिवसेना को भुगतना पड़ सकता था। शिंदे सरकार में बीजेपी भी शामिल है। मनोज जरांगे पाटिल ने पिछली बार ये बयान भी दिया था कि अगर पीएम नरेंद्र मोदी कह देंगे, तो महाराष्ट्र सरकार तत्काल मराठा आरक्षण के लिए कानून बना देगी।