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PM मोदी और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला लेयेन के बीच हुई मुलाकात, जानें क्या हैं इसके मायने

पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा वक्त में यूरोपीय यूनियन के पास केवल एक ही व्यापार और तकनीक आयोग है। जिसके संबंध महज यूएस तक ही सीमित हैं। मुझे लगता है कि हमें इस दिशा में कदम आगे बढ़ाते हुए हमें दूसरा व्यापार और तकनीक आयोग गठित करने की आवश्यकता है।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल में विदेश नीति के मोर्चे पर भारत को संबल बनाने की दिशा में प्रशंसनीय व उल्लेखनीय भूमिका निभाई है, जिसकी तारीफ स्वयं पाकिस्तानी वजीर-ए-आजम इमरान खान भी बीते दिनों कर चुके हैं। पीएम मोदी ने अपने कार्यकाल में विदेश नीति के मोर्चे पर भारत को जो पहचान दिलाई है, वह अकल्पनीय है। अब इसी विदेश नीति के मोर्चे पर भारत को संबल करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए पीएम मोदी ने यूरोपीयन कमीशन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन से मुलाकात की है। यूं तो इस मुलाकात के दौरान कई मसलों पर दोनों के बीच वार्ता हुई है, लेकिन इस दौरान दोनों के बीच व्यापार और तकनीक परिषद को लेकर प्रमुखता से वार्ता हुई है। आइए, आगे आपको बताते हैं कि इस वार्ता के दौरान किन प्रमुख बिंदुओं को उठाया गया है।

pm modi

बता दें कि मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूरोपीय कमीशन की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन जीवंत भारत-यूरोपीय संघ रणनीतिक साझेदारी में और व्यापार, जलवायु, डिजिटल प्रौद्योगिकी और लोगों से लोगों के संबंधों के क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने पर सहमत हुए। इस दौरान लेयेन ने कहा कि आज की तारीख में संबंधों को प्रगाढ़ करना हम सभी की प्राथमिकता है। उन्होंने आगे कहा कि यूरोपीय यूनीयन आगामी दिनों में पारस्परिक व्यापार और सहयोग को प्रगाढ़ बढ़ाने की दिशा में पूर्व रूपरेखित योजनाओं को जीवंत बनाने की दिशा में कार्य करेगा। इसके साथ ही रक्षा और व्यापार की दिशा में भी संबंधों को प्रगाढ़ बनाने की दिशा में प्रयास किए जाएंगे। इस बीच लेयेन ने यह भी कहा कि आगामी दिनों में भारत और यूरोपीय संघ यूरोपीय संघ-भारत व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद का शुभारंभ करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर आगामी दिनों में हम अपने रूपरेखित योजनाओं को जीवंत करने की दिशा में सफल हुए तो व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद राजनीतिक निर्णयों को संचालित करने, तकनीकी कार्य का समन्वय करने और यूरोपीय और भारतीय अर्थव्यवस्थाओं की सतत प्रगति के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कार्यान्वयन और अनुवर्ती कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक स्तर पर रिपोर्ट करने के लिए आवश्यक संरचना प्रदान करेगी।

पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा वक्त में यूरोपीय यूनियन के पास केवल एक ही व्यापार और तकनीक आयोग है। जिसके संबंध महज यूएस तक ही सीमित हैं। मुझे लगता है कि हमें इस दिशा में कदम आगे बढ़ाते हुए हमें दूसरा व्यापार और तकनीक आयोग गठित करने की आवश्यकता है, जिससे संबंध भारत के साथ प्रगाढ़ हो सकें। उन्होंने यह भी कहा कि अगर ऐसा हुआ तो आगामी दिनों में भारत हमारे लिए एक तकनीक और व्यापार के मामले में पावरहाउस बनकर उभरेगा। तो इस तरह से पीएम मोदी और लेयेन के बीच कई मसलों पर वार्ता हुई है, जिसे लेकर अभी सुर्खियों का बाजार गुलजार है। उधर, सोशल मीडिया पर इस मुलाकात को लेकर मुख्तलिफ प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही है। बहरहाल, इस बात को लेकर स्वीकार करने में कोई दो मत नहीं है कि आगामी दिनों में विदेश नीति के मोर्चे पर इसके दूरगामी असर पड़ने वाला है।